रांची टीम sportsjharkhand.com |
सैकड़ों खिलाड़ियों ने लॉक डाउन के कड़े प्रतिबंधों के बावजूद मात्र 6 दिन की नोटिस पर छात्रवृत्ति व कैश अवॉर्ड की जटिल प्रक्रिया को पूरा कर खेल निदेशालय में ऑनलाइन आवेदन जमा किया। आवेदन जमा किए हुए 112 दिन गुजर जाने के बाद भी खिलाड़ियों का इंतजार खत्म नहीं हुआ। खिलाड़ी बड़ी ही आशा के साथ रोजाना कई बार मोबाइल के टेक्स्ट मैसेज चेक करते हैं कि शायद अकाउंट में पैसे आ गए हों लेकिन उनके हिस्से सिर्फ निराशा ही हाथ लग रही है। वित्तीय वर्ष 2020-21 तक विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन के आधार पर 11 जून को समाचार पत्रों में विज्ञापन के जरिये खेल निदेशालय ने योग्य खिलाड़ियों से आवेदन ऑनलाइन आमंत्रित किया था। दावा किया गाया था कि साल में चार बार आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। चार माह में बाद पहली प्रक्रिया ही निपटा नहीं पाए हैं। सारे दावे टाएं..टाएं..फिस्स हो गए। खिलाड़ियों के खून-पसीने का हक़ देने में निदेशालय कोताही क्यों बरत रहा है ? ये समझ से परे है क्योंकि निदेशालय ने जून से लेकर अक्टूबर तक AC कमरों में “कुर्सीतोड़ प्रतियोगिता” को छोड़ कोई बड़ा खेल आयोजन/कार्यक्रम (SGFI/नेहरु कप/सुब्रतो कप) तक नहीं कराया है।
चार माह से कागजों पर ही बांटी जा रही है छात्रवृत्तियां व कैश अवॉर्ड
आवेदन जमा होने के बाद निदेशालय की ओर से स्क्रूटनी कमिटि का गठन किया गया। स्क्रूटनी कमिटि पिछले कई सप्ताह-माह से सुविधानुसार उठती-बैठती रहती है और कागजों पर ही छात्रवृत्तियां व कैश अवॉर्ड बांटती हुई नजर आ रही हैं। खिलाड़ियों के मेहनत के पैसे देने में निदेशालय की कोताही नई बात नहीं है। 2016-17 में ऐसी ही कोताही बरतनेवाले दो जरूरत से ज्यादा काबिल कुर्सीतोड़ ‘कर्मचारी’ निदेशालय से तड़ीपार कर दिए गए थे।
छात्रवृत्ति व कैश अवॉर्ड पर निदेशालय का पक्ष
निदेशक : जवाब ही नहीं देते, इसलिए पूछना बेमानी है। निदेशालय के अन्य अधिकारी-कर्मचारी : सुशील भैया/बाबू हमको छोड़ दीजिए, आप तो सब समझ ही रहे हैं। |
इसी विषय पर 11 जून को sportsjharkhand.com ने जताई थी आशंका
झारखंड खेल निदेशालय ने नकद पुरस्कार व छात्रवृत्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया, 17 जून आखिरी तारीख
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