रांची |
आगामी 6 से 9 जुन तक रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में झारखंड का मुकाबला बंगाल से होना है। मुकाबले से पहले तैयारियों के लिए एक पखवाड़े पहले JSCA स्टेडियम रांची में रणजी टीम का कोचिंग कैंप लगाया गया था। इस कैंप में IPL टीम में शामिल क्रिकेटरों को छोड़कर इस वर्ष रणजी में शानदार प्रदर्शन करनेवाले सभी खिलाड़ियों को आमंत्रित किया गया था, सिर्फ एक को छोड़कर ! इस बदनसीब खिलाड़ी का नाम है कुमार सूरज। वही कुमार सूरज जो दिल्ली जैसी मजबूत टीम के खिलाफ दूसरी पारी में 131 नाबाद रन बनाकर टीम की जीत के एक महत्वपूर्ण सूत्रधार बने थे। सूरज ने इस वर्ष रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के खिलाफ 0 व नाबाद 131, तमिलनाडु के खिलाफ 19 व 7 तथा नागालैंड के खिलाफ 66 व 31 रन बनाए जबकि छत्तीसगढ़ के खिलाफ उन्हें टीम में खेलने का मौका नहीं मिल पाया था। अच्छे प्रदर्शन के बावजूद टीम से बाहर किया जाना झारखंड रणजी टीम के लिए कोई नई बात नहीं है। पूर्व में भी ऐसा होता रहा है और आगे भी ऐसा होता रहेगा।
प्रदर्शन के आधार पर झारखंड के टॉप 5 बल्लेबाज में शामिल हैं सूरज
झारखंड के बल्लेबाजों का इस वर्ष रणजी ट्रॉफी का प्रदर्शन देखने पर साफ हो जाता है कि कुमार सूरज रन बनाने के हिसाब से टॉप 5 में हैं जबकि रन बनाने की औसत के मामले में वो टॉप 2 में शामिल हैं। सूरज ने 3 मैच की 6 पारियों में 50.80 की औसत से 254 रन बनाए हैं। जबकि
कुमार कुशाग्र ने 3 मैच की 6 पारियों में 72.80 की औसत से 437 रन
अनुकूल रॉय ने 4 मैच की 8 पारियों में 35.38 की औसत से 283 रन
विराट ने 4 मैच की 7 पारियों में 39.71 की औसत से 278 रन
नाजिम सिद्दीकी ने 4 मैच की 8 पारियों में 33.62 की औसत से 269 रन और
सौरभ तिवारी ने 3 मैच की 6 पारियों में 35.17 की औसत से 211 रन बनाए।
शानदार प्रदर्शन के बावजूद आखिर क्यों बाहर किए गए सूरज ?
JSCA के सूत्र बताते हैं कि आलाकमान के निर्देश पर रणजी टीम के खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर बारीक नजर रखने के लिए वेतनभोगी एक चाटुकार महानुभाव को नियुक्त किया गया है। इन्हीं महानुभाव ने “रैश शॉट” (गैरजिम्मेदार) खेलने के आरोप में कुमार सूरज को कैंप से बाहर रखने का ऑर्डर सुनाया था, जिसपर अमल किया गया। क्या सूरज रणजी ट्रॉफी के चार मुकाबले में “रैश शॉट” खेलकर आउट होनेवाला एकमात्र बल्लेबाज है ? नहीं तो फिर ऐसा क्यों हो रहा है ? दरअसल चाटुकार महानुभाव इस वर्ष खराब प्रदर्शन करने के बाद टीम से बाहर किए गए एक खिलाड़ी को क्वार्टर फाइनल की प्लेइंग इलेवन में खिलाने की छुपी इच्छा दबाए बैठे हैं। इसी रणनीति के तहत “रैश शॉट” का बहाना बना कुमार सूरज को कैंप से बाहर रखा गया है। चाटुकार महानुभाव निजी पार्टियों में डाइनिंग टेबल को ढोलक बना आलाकमान को मनपसंद नगमे सुनाने को लेकर पहले से ही प्रसिद्धि बटोरते रहे हैं।