रांची
टीम sportsjharkhand.com |
लातेहार जिले के महुआड़ांड प्रखंड में कैमरे के लेंस पर उभरी इस तस्वीर में मनिका विधायक रामचंद्र सिंह और उपायुक्त भोर सिंह यादव “हंसुआ के बिआह में खुरपी के गीत गाते” हुए नजर आ रहे हैं ! आश्चर्य में मत पड़िए दरअसल जिला खेल पदाधिकारी की मौजूदगी में विधायक और उपायुक्त जिस तीर धनुष का इस्तेमाल कर रहे हैं वो रिकर्व स्पर्धा का है लेकिन निशाना जिस टारगेट पर साधा जा रहा है वो कंपाउंड स्पर्धा का है। है ना मजेदार बात ! यही नहीं खेल के विषय में विधायिका और कार्यपालिका की समझ को प्रदर्शित कर रही इस तस्वीर के पीछे का सच और भी स्याह है।
महुआड़ांड प्रखंड के संत जोसेफ प्लस टू उच्च विद्यालय और लातेहार प्रखंड के जिला स्टेडियम में जिला प्रशासन की पहल पर कहने को तो तीरंदाजी सेंटर का उद्घाटन क्रमश: 24 और 25 फरवरी को हो गया। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस सेंटर में अभी तक एक भी प्रशिक्षु का नामांकन तक नहीं हुआ है ना ही किसी प्रशिक्षक की नियुक्ति/प्रतिनियुक्ति की गई है लेकिन एक करोड़ से ज्यादा रकम की खेल सामग्री खरीद ली गयी। मतलब छउआ के जन्म से पहले ही झुनझुने की खरीदारी हो गई। पता हो कि 24 फरवरी को महुआड़ांड और 25 फरवरी को लातेहार में जिला प्रशासन द्वारा दो तीरंदाजी सेंटर का उद्घाटन किया गया लेकिन 27 दिन गुजर जाने तक इन दोनों सेंटर में एक भी प्रशिक्षु और प्रशिक्षक का कोई अता पता नहीं।
बगैर टेंडर के ही खरीद लिए गई एक करोड़ से ज्यादा की खेल सामग्री
लातेहार में जिला प्रशासन ने विशेष केंद्रीय सहायता मद (SCA) से तीरंदाजी के खेल सामग्रियों की खरीद की गई। सामग्री खरीदने के लिए किसी भी तरह का टेंडर नहीं निकाला गया बल्कि खेल निदेशालय द्वारा खरीदे गए दर पर ही नामांकन के आधार पर खेल सामग्री की खरीदारी की गयी। खरीदारी की दर तो खेल निदेशालय का रहा लेकिन खेल सामग्रियों की क्वालिटी घटिया स्तर की रही। जानकारी के अनुसार खेल निदेशालय ने X10 ब्रांड के उच्चस्तरीय तीर खरीदे थे जबकि लातेहार जिला प्रशासन ने SKYLON ब्रांड के निम्नस्तरीय तीर खरीदे हैं। दोनों की दर में लगभग 40,000 हजार रुपए प्रति दर्जन का अंतर है। निदेशालय की तर्ज पर लातेहार जिला प्रशासन ने भी INVICTA ब्रांड के कंपाउंड और WIAWIS ब्रांड के रिकर्व धनुष खरीदे हैं, लेकिन लातेहार में वेंडर ने जो धनुष भेजे हैं वो निम्नस्तरीय क्वालिटी के हैं। इसके अलावा ज्यादातर खेल सामग्री दोयम दर्जे की है।
परचेजिंग कमिटी में एक भी तीरंदाजी विशेषज्ञ नहीं
एक करोड़ से ज्यादा रकम की खेल सामग्री की खरीदारी के लिए जो कमिटी बनाई गई उसमें एक भी तीरंदाजी विशेषज्ञ को जगह नहीं दी गई। विशेषज्ञ के रूप में सिर्फ और सिर्फ जिला खेल पदाधिकारी ही सदस्य रहे। जबकि सामग्रियों की सूची बनाने से पहले कई विशेषज्ञों की राय ली गई थी।
ये खेल सामग्री खरीदी गई
लातेहार जिला प्रशासन ने निम्नलिखित खेल सामग्रियां खरीदी हैं
कंपाउंड और रिकर्व के धनुष : 30 पीस
टारगेट बेस : 60 पीस
स्टैंड : 60 पीस
तीर : 100 दर्जन
इसके अलावा अभ्यास में आनेवाली अन्य सामग्रियां भी बहुतायात मात्रा में खरीदी गई हैं।
बगैर तकनीकी जांच के कर दिया गया भुगतान
खेल सामग्रियों की खरीदारी के बाद बगैर तकनीकी जांच के लिए एक करोड़ से ज्यादा राशि का भुगतान कर दिया गया। निदेशालय ने जब टेंडर के जरिए सामग्री खरीदी थी तब तीन तीरंदाजी विशेषज्ञों की टीम द्वारा जांच के बाद रिपोर्ट संतोषजनक आने के बाद ही भुगतान हुआ था। लेकिन लातेहार में बगैर किसी तकनीकी जांच के ही भुगतान कर दिया गया।
क्या कहते हैं अधिकारी
“प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण लेने के इच्छुक बच्चे-बच्चियों से आवेदन मंगाए जा रहे हैं। प्रशिक्षक की नियुक्ति के लिए भी विज्ञापन जारी कर दिया गया है। खेल सामग्रियों की खरीदारी में पूर्ण प्रक्रिया का पालन किया गया है। खरीदारी में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं की गयी है।”
शिवेंद्र कुमार सिंह
जिला खेल पदाधिकारी, लातेहार
हमारा पक्ष
जिला स्तर पर खुल रहे प्रशिक्षण केंद्रों का sportsjharkhand.com स्वागत करता है लेकिन प्रशिक्षण केंद्र के नाम पर हो रही लूट का समर्थन किसी भी हालात में नहीं किया जा सकता। तीरंदाजी विशेषज्ञों से खेल सामग्री की जांच होनी चाहिए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो।
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