रांची
sportsjharkhand.com EXCLUSIVE |
झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन सोसायटी (JSSPS) में सिक्यूरिटी टेंडर को लेकर राज्य के पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवाकार्य विभाग के मंत्री हफीजुल हसन और JSSPS की टेंडर कमिटी आमने-सामने आ गयी है। 5 अगस्त को खेल मंत्री ने पत्र लिखकर JSSPS के लोकल मैनेजमेंट कमिटी (LMC) के CEO को तत्काल सिक्यूरिटी का टेंडर रद्द करने का आदेश दिया था। इसका जवाब देते हुए LMC के CEO ने लंबा चौड़ा पत्र लिखा है। पत्रांक CEO/LMC/JSSPS/2023/1175 के चौथे पारा में लिखा है
“अब चूंकि निविदा समिति द्वारा टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है इसलिए इसे अनियमितताओं की संभावनाओं के आधार पर रद्द करना टेंडर कमिटी को तर्कसंगत नहीं लगता है”
मतलब टेंडर कमिटी ने कोई भी गलती नहीं की है। LMC के CEO साहेब माननीय मंत्री जी के पत्र के आलोक में टेंडर कमिटी ने ये निर्णय कब लिया ? टेंडर कमिटी की बैठक कब हुई ? क्या इस बैठक की लिखित सूचना पत्र/व्हाट्सएप/ईमेल के जरिए टेंडर कमिटी के सभी सदस्यों को भेजी गई थी ?
पत्र के चौथे पारा में मंत्री के आदेश की धज्जियां उड़ाने के बाद अगले ही पारा में LMC के CEO ने लिखा है
“आपके पत्र को गंभीरता से लेते हुए टेंडर कमिटी पूरी फाइल को JSSPS की कार्यकारी समिति (Executive Council) के समक्ष पुनः जांच एवं निर्देश के लिए प्रस्तुत करती है ताकि इस तरह की अनियमितता स्थानीय प्रबंधन समिति (LMC) के द्वारा कभी न हो और नई निविदा की प्रक्रिया की प्रक्रिया के समुचित दिशा निर्देश प्राप्त हो।”
मतलब CEO मानते हैं कि गलती हुई है और ये गलती दोबारा ना हो इसीलिए मार्गदर्शन के लिए फाइल एक्जीक्यूटिव कमिटी को भेजा गया है। फिर जवाब के दो पारा के बीच इतना विरोधाभाष क्यों ?
अगर आपने सही निर्णय लिया है तो पारा 4 में लिखी बातों पर दृढ़ता से बने रहिए। दोनों नाव की सवारी बताती है कि टेंडर कमिटी ने गलतियां की हैं और अब गलतियां सामने आने के बाद “लजाईल लइका ढोंढ़ी सुघरावे ला” की तर्ज पर पत्राचार कर रहे हैं।
अब गेंद खेल सचिव के पाले में
JSSPS के पत्राचार से साफ है कि मामला एक्जीक्यूटिव कमिटी के पास भेज दिया गया है। एक्जीक्यूटिव कमिटी के अध्यक्ष खेल सचिव होते हैं, इसलिए अब सारा मामला उनके पास पहुंच गया है। विभागीय सचिव के समक्ष माननीय मंत्री के आदेश और JSSPS के पत्र के आलोक में दस्तावेजों के आधार पर जल्द ही निर्णय लेने की चुनौती होगी।
ये स्थिति खेल और खिलाड़ियों के भयावह
वर्तमान स्थिति से साफ है कि “ऑपरेशन गोल्ड” का सपना दिखानेवाली संस्था और उसके पोषकों की प्राथमिकताएं क्या हैं। JSSPS में पिछले 8 वर्षों से सारी की सारी एनर्जी सिर्फ और सिर्फ टेंडर निपटाने में निकल जाती है। तीन साल से स्तरीय प्रशिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है लेकिन इस दौरान दर्जनों टेंडर निपटा दिए गए। खेल और खिलाड़ी JSSPS की प्राथमिकता सूची में अंतिम पायदान पर है।
sportsjharkhand.com ने टेंडर कमिटी द्वारा की गई अनियमितताओं पूरी पड़ताल की थी। पूरी खबर इस लिंक पर उपलब्ध है