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जिला स्तर पर 21 से 24 फरवरी व राज्य स्तर पर 1 से 4 मार्च तक हुए ट्रॉयल के 53 दिन बाद आज खेल निदेशालय का फरमान आया है कि चाईबासा के एथलीट साहेबगंज में, दुमका के एथलीट गुमला में और गुमला के एथलीट बोकारो स्थित आवासीय प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। 53 दिन के मंथन के बाद खेल व सेंटर वार चयनित खिलाड़ियों की सूची मंगलवार को जारी की गई है। सूची को देखने से स्पष्ट होता है कि टके सेर भाजी टके सेर खाजा की तर्ज पर खेल निदेशालय के काबिल खेल प्रशासकों ने सूची तैयार की है। आम तौर पर आवासीय सेंटरों में आस पास के जिलों के खिलाड़ियों का प्रशिक्षण होता रहा है लेकिन गुमला के खिलाड़ी चयनित तो हुए हैं लेकिन उनका नाम गुमला की बजाय चंदनकियारी, बोकारो की सूची में दिख रहा है। यही हाल बोकारो के खिलाड़ियों का भी है। एथलेटिक्स के अलावा फुटबॉल में भी चयन का यही पैमाना आजमाया गया है। सूची देखने के बाद स्पष्ट है कि कई आवासीय प्रशिक्षण केंद्रों के लिए दूसरी सूची जारी करनी ही पड़ेगी।
ओवर एज व अंडर एज 14 खिलाड़ी मेरिट लिस्ट में शामिल
खेल निदेशालय ने फरवरी में जिला खेल पदाधिकारियों जो निर्देश दिया था उसके अनुसार ,1 फरवरी 2010 से 31 जनवरी 2012 के बीच जन्मे बच्चों का ही ट्रॉयल लेना था। लेकिन जिला व राज्य स्तर पर आयोजित हुई चयन प्रतियोगिता के बाद भी 14 ऐसे खिलाड़ियों का चयन मेरिट लिस्ट में हो गया है जो सरकारी मानकों के अनुसार या तो अंडर एज हैं या ओवर एज हैं। इनमें से 10 अंडर एज हैं जबकि 4 ओवर एज। निदेशालय को इन 14 चयनित खिलाड़ियों के लिए नियमों में शिथिलता देनी ही होगी क्योंकि गलती चयनित खिलाड़ियों की नहीं DSO व खेल निदेशालय के काबिल कर्णधारों की है।