रांची।
चंदन भट्टाचार्य |
काश मेरे पास भी होती एक साइकिल !
इसी शीर्षक से sportsjharkhand.com ने 5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन एक खबर प्रकाशित की थी। विकट परिस्थिति से जूझते हुए ग्रामीण क्षेत्र की रहने वाली कबड्डी प्लेयर सपना कुमारी अपने सपने को साकार करने में जुटी हुई है। एक साइकिल की कमी के कारण सपना 12 किलोमीटर की दूरी पैदल सफर कर अनगड़ा ब्लॉक के समीप स्थित प्रशिक्षण स्थल पहुंचती है। जबकि इन्हीं छोटी-छोटी परेशानियों को दूर करने के लिए खेल विभाग के पास कई योजनाएं है। लेकिन इसका लाभ खिलाड़ियों को नहीं मिल पा रहा है। प्रतिभा रहने के बावजूद ऐसे खिलाड़ी व्यवस्था के अभाव में अपने आप को साबित नहीं कर पाते हैं।
कबड्डी की बेहतरीन खिलाड़ी है सपना
रांची के अनगड़ा ब्लॉक से 12 किलोमीटर दूर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में बसे गांव बोंगाई बेड़ा की रहने वाली सपना कुमारी कबड्डी की बेहतरीन खिलाड़ी है। सपना अपने गांव से अनगड़ा ब्लॉक तक 12 किलोमीटर पैदल रोजाना दूरी तय करती है। तब जाकर वह प्रैक्टिस कर पाती है। सपना ने कहा था कि काश मेरा पास भी एक साइकिल होता ! तो मुझे 12 किलोमीटर पैदल चलना नहीं पड़ता। इस खबर को प्रकाशित करने के बाद कई निजी संस्थाने आगे आई और सपना को मदद करने की इच्छा भी जाहिर की। इसी कड़ी में रोटरी क्लब ऑफ रांची साउथ की ओर से सपना को बुधवार को एक साइकिल दिया गया। इसमे कबड्डी कोच प्रवीण सिंह की भी अहम भूमिका रही। इस दौरान सपना और संस्था के लोगों ने sportsjharkhand.com को भी धन्यवाद दिया।
गरीब किसान है पिता
सपना ने हाल ही में राष्ट्रीय कबड्डी चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन किया है। सपना के पिता एक गरीब किसान है और खेतीबाड़ी से ही उनका घर परिवार चलता है। इसके बावजूद बेटी अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बने। इसे लेकर वह लगातार प्रयास कर रहे हैं। राज्य सरकार के खेल विभाग को चाहिए आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे खिलाड़ियों को मदद करें। ताकि वह देश और राज्य का नाम रौशन कर सकें।