चंदन भट्टाचार्य रांची sportsjharkhand.com |
झारखंड में खेल और खिलाड़ियों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। लेकिन इन योजनाओं का लाभ खिलाड़ियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। नतीजतन प्रतिभा रहने के बावजूद ये खिलाड़ी व्यवस्था के अभाव में अपने आप को साबित नहीं कर पाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी खिलाड़ी है जो विपरीत परिस्थिति के बावजूद अपने आपको साबित करने के लिए लगातार जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। ऐसी ही एक खिलाड़ी की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
राजधानी रांची के अनगड़ा ब्लॉक से 12 किलोमीटर दूर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में बसे गांव बोंगाई बेड़ा की रहने वाली सपना कुमारी कबड्डी की बेहतरीन खिलाड़ी है।सपना का सपना है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस खेल में देश का प्रतिनिधित्व करें और अपने गांव व राज्य का नाम रोशन करें। हाल ही में सपना जूनियर राष्ट्रीय कबड्डी चैंपियनशिप में अपना हुनर दिखा कर रांची लौटी है। इस दौरान सपना से जब बात की गई तो उसने कहा कि झारखंड जूनियर बालिका कबड्डी टीम में शामिल होने के लिए उसने काफी मेहनत की है। अनगड़ा स्थित ट्रेनिंग कैंप आने के लिए उसके पास कोई साधन नहीं है। खेत खलिहान जंगल झाड़ पार करते हुए सपना रोजाना सुबह 12 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करती है। सपना के पास एक साइकिल तक नहीं है। सपना के पिता एक गरीब किसान है और खेतीबाड़ी से ही उनका घर परिवार चलता है।
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनने का सपना
सपना अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बने, इसे लेकर वह लगातार मेहनत कर रही है और परेशानियों को कभी आड़े नहीं आने दिया। मेहनत के दम पर आज राष्ट्रीय कबड्डी चैंपियनशिप में खेलकर अपना हुनर दिखाया है।
खेल विभाग व सरकार मदद करे – सपना
सपना और उनके पिता को आशा है कि सरकार और खेल विभाग से उन्हें आर्थिक मदद मिले। फिलहाल सपना को एक साइकिल की सख्त जरूरत है। ताकि वह अपने गांव से अनगड़ा ब्लॉक तक ट्रेनिंग लेने आसानी से पहुंच सके। AC कमरों में बैठे अधिकारियों तक शायद संघर्ष की ये कहानी पहुंचे और साथ में ससमय मदद भी।