रांची चंदन भट्टाचार्य टीम sportsjharkhand.com |
कहीं खंडहर ना बन जाएं ये धरोहर – 1
‘कहीं खंडहर ना बन जाएं ये धरोहर’ सीरीज के तहत रांची के होटवार स्थित अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की बदहाली की एक-एक तस्वीर आप तक पहुंचेगी। इस सीरीज की पहली कड़ी में आज बात कॉम्प्लेक्स के बिरसा मुंडा मुख्य एथलेटिक्स स्टेडियम की…
मोरंग गोमके जयपा सिंह मण्डा मगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक में आपका स्वागत है। आप सोच रहे होंगे जयपाल सिंह मुंडा मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स लिखने में स्पेलिंग मिस्टेक हुई है लेकिन यह मिस्टेक हम नहीं बल्कि पिछले 6 वर्षों से रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रहे झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन सोसायटी (JSSPS) कर रही है। JSSPS झारखंड सरकार और CCL का ज्वाइंट वेंचर है। कॉम्प्लेक्स के मेंटेनेंस पर प्रतिवर्ष 10 करोड़ रुपये सालाना खर्च करने के बाद मुख्य द्वारा पर आपका स्वागत करता ये साईन बोर्ड पूरी कहानी स्वयं बयां कर रहा है। Morning Shows the Day, आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब मुख्य प्रवेश द्वार का मेंटेनेंस इतना शानदार है तब अंदर के स्टेडियमों का क्या हाल होगा ?
‘कहीं खंडहर ना बन जाएं ये धरोहर’ सीरीज की पहली कड़ी में अब बात इस कॉम्प्लेक्स के बिरसा मुंडा मुख्य एथलेटिक्स स्टेडियम की। तस्वीरों से रूबरू करा रहे है। सिंथेटिक ट्रैक बर्बाद होने के कगार पर, टावर में लगे ACP वर्षों से उजड़े पड़े हैं, छत से पानी रिस रहा है, दर्शकों के बैठने की कुर्सियां टूट रही हैं, अंडर पाथ में सात वर्षों से पानी जमा है, दीवारें दरक रही हैं, पिलर पर लगे ग्रेनाइट टूट कर गिर रहे हैं, गंदगी का अंबार लगा हुआ है, फॉल्स सीलिंग टूट कर गिर रही है, दरवाजे व खिड़कियां टूट गई हैं। जहां जाईए वहीं पर मेंटेनेंस की पोल खुलती जा रही है।
2015 में राज्य सरकार ने CCL के साथ मिलकर JSSPS का गठन किया। शर्त ये थी कि CCL सभी स्टेडियमों की रिपेयरिंग व रिनोवेशन कराएगा और उसके बाद मेंटेनेंस की जिम्मेवारी JSSPS की होगी। CCL ने 24.73 करोड़ रुपए से रिपेयरिंग व रिनोवेशन का काम भी कराया लेकिन काम किस कदर हुआ, उसकी बानगी आप भी देखिए।
मुख्य स्टेडियम की रिपेयरिंग में 13.99 करोड़ रुपए किए गए खर्च
2015-16 में CCL ने CSR फंड से 13,98,56,133 रुपया खर्च कर मुख्य स्टेडियम की रिपेयरिंग/रिनोवेशन का काम कराया था। CCL ने NBCC को ये काम करवाने की जिम्मेवारी दी थी। NBCC ने ये काम M/s राजेश कंस्ट्रक्शन को वर्क ऑर्डर संख्या NBCC/RGB (E)/T(3)/2015/1874 के द्वारा 11 दिसंबर 2015 को दिया।
लिफ्ट की मरम्मती में 73.08 लाख रुपए हुए खर्च, आज बेकार पड़े हैं लिफ्ट
मुख्य स्टेडियम के 10 लिफ्ट की मरम्मती पर 73,07,652 रुपये खर्च हुए है। इसके अलावा लिफ्ट की सालाना मेंटेनेंस पर भी लाखों रुपये खर्च हुए है। लेकिन आज सभी के सभी लिफ्ट बंद और बेकार पड़े है। बताते चले कि यह एथेलेटिक्स स्टेडियम 170 करोड़ रुपये में 2006-2009 के बीच बन कर तैयार हुआ था।
मार्बल-ग्रेनाइट की मिरर पॉलिशिंग पर 32 लाख का खर्च
मेन स्टेडियम में ज्यादातर जगहों पर टाइल्स लगी है। लेकिन मार्बल व ग्रेनाइट की मिरर पॉलिशिंग पर 31,92,750 रुपए खर्च कर दिए गए। है न आश्चर्य !
मचान बनाने में खर्च कर दिए 95.94 लाख रुपए
मुख्य स्टेडियम की रिपेयरिंग/रिनोवेशन व पेंटिंग के लिए मचान बनाने के नाम पर 95,94,000 रुपए खर्च कर दिए गए। जबकि रिनोवेशन के दौरान ऐसा कोई मचान दिखा ही नहीं। अगर रिपेयरिंग हुई होती तो स्टेडियम की बाहरी ओर के पिलरों पर लगे ग्रेनाइट उखड़कर नहीं गिर रहे होते और उन्हें गिरने से बचाने के लिए GI तार नहीं बांधना पड़ता।
सभी खर्चों पर 27.88 % का टैक्स/चार्जेज अतिरिक्त
CCL के CSR फंड से जो भी खर्च हुआ उसपर 3% कॉन्टिजेंसी चार्ज, 1% लेबर सेस, 4% वैट, 10.15% सर्विस टैक्स, और 9.733% NBCC का चार्जेज (सर्विस टैक्स जोड़कर) लगा है। मतलब ऊपर जिस रकम का जिक्र किया गया है उसमें टैक्स और विभिन्न चार्जेज के 27.88 % की राशि अतिरिक्त जोड़कर खर्च का सही आकलन कीजिए।जैसे लिफ्ट के मेंटेनेंस पर 73,07,652 रुपए खर्च हुए लेकिन इसमें 27.88% टैक्स व अन्य चार्जेज भी लगे। इससे लिफ्ट रिपेयरिंग की वास्तविक लागत 93,45,025 रुपए आई।
sportsjharkhand.com की ये विशेष श्रृंखला जारी रहेगी। तब तक के लिए पाठकों को “AN YO” !
(नीचे की तस्वीर से साफ है कि अब मुख्य द्वार पर “THANK YOU” के नाम पर सिर्फ “AN YO” ही बचा है।)