रांची sportsjharkhand.com टीम |
आधा सच ⇓
कानून के जानकारों के उपर जब कानून का शिकंजा कसता है तो सफेद झूठ कागजों पर सरपट दौड़ने लगता है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि राष्ट्रीय खेल घोटाले में चार्जशिटेड अभियुक्त आरके आनंद द्वारा समय-समय पर लिखे गए पत्र बोल रहे हैं। आनंद के खिलाफ जब चार्जशीट करने से पहले अनुमति की औपचारिकता पूरी की जा रही थी तब 29 अप्रैल 2019 को आरके आनंद ने विधि सचिव को एक पत्र लिखकर खुद को बेगुनाह बताते हुए कई तर्क दिए थे। पारा 15 और 16 में दिए गए तर्कों में से एक तर्क था कि आरके आनंद को मंत्री पद तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने 18 जुलाई 2008 को दिया था। जब 23 अगस्त को मधु कोड़ा सीएम पद से हट गए तो सारे मंत्री भी उन्हीं के साथ हट गए। यही नहीं उन्होंने यह भी लिखा कि मंत्री बनाए जाने संबंधी कोई भी गजट/पत्र की काॅपी उन्हें नहीं भेजी गयी। जो आर्डर निकला था, उसके गजट का प्रकाशन भी नहीं हो पाया क्योंकि मधु कोड़ा की सरकार ही गिर गयी थी। आरके आनंद ने इसी पत्र में लिखा है झारखंड सरकार ने स्वयं माना है कि 2005 से 2010 के बीच सरकार ने किसी भी व्यक्ति को मंत्री का दर्जा नहीं दिया है। आरके आनंद द्वारा लिखे गए पत्र के दो पैरा हूबहू आपके लिए (नीचे चित्र में पत्र का वो भाग भी देखें)


पूरा सच ⇓
लेकिन ये तस्वीर का एक पहलू है, जिसमें सिर्फ और सिर्फ आधा सच दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। हम आपको बताते हैं कि असली सच्चाई क्या है। नीचे जो पत्र आप देख रहे हैं, ये पत्र आरके आनंद ने ही 19 अगस्त 2010 को राज्य के तत्कालीन राज्यपाल महामहिम एमओएच फारूख को लिखा था। लेटर हेड के दाईं ओर ध्यान से देखिए आरके आनंद अपना ओहदा क्या लिखते हैं ? साफ साफ लिखा है आर के आनंद वर्किंग चेयरमैन एनजीओसी ओहदा: कैबिनेट मिनिस्टर, झारखंड सरकार। अब 29 अप्रैल 2019 को विधि सचिव को लिखे गए पत्र मंे आरके आनंद सच बोल रहे हैं या 19 अगस्त 2010 को महामहिम को लिखा गया पत्र सच है, आप स्वयं तय कर लें। खुद को कैबिनेट मंत्री बताये जानेवाले ऐसे ही लेटर पैड पर आरके आनंद ने 2009-10 के दौरान कई पत्र महामहिम एमओएच फारूख और तत्कालीन मुख्य सचिव शिव बसंत जी को लिखे हैं।
मुझे (आरके आनंद) कभी मंत्री बनाए जाने संबंधी गजट/पत्र ही नहीं मिला और सरकार ने 2005 से 2010 के बीच किसी को भी मंत्री पद का दर्जा ही नहीं दिया, तो आरके आनंद जी आपके अगस्त 2010 के लेटर पैड कैसे छप गया कि आपका दर्जा कैबिनेट मंत्री का है ? क्षण भर के लिए मान भी लिया जाए कि लेटर पैड आपके किसी विरोधी ने छाप दिया होगा, तो उस लेटर पैड पर आपने अपने हस्ताक्षर से महामहिम और मुख्य सचिव को पत्र कैसे लिख दिया ? मशहूर वकील आरके आनंद साहब आप कैसे बोल लेते हैं सरकारी दस्तावेजों पर इतने सारे झूठ ?
आरके आनंद द्वारा लिखे गए सफेद झूठ राष्ट्रीय खेल घोटालों से जुड़े दस्तावेजों की शक्ल में मौजूद हैं और इसपर हमारी विशेष श्रृंखला जारी रहेगी।
प्रत्येक रविवार व गुरुवार को जारी रहेगी हमारी ये विशेष श्रृंखला अगले रविवार को पढ़िएकहीं पे निगाहें… कहीं पे निशाना – भाग 6 सिर्फ और सिर्फ यहीं sportsjharkhand.com पर |