रांची |
झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (JSCA) के कागजी मुख्यालय जमशेदपुर की इस संस्था पर पकड़ पूरी तरह ढीली पड़ गई है। 2022-25 सत्र के लिए हो रहे चुनाव में नामांकन के बाद ये तय हो गया है कि अब JSCA में रांची की ही बल्ले-बल्ले होगी। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव समेत कमिटी ऑफ मैनेजमेंट के तीन पदों पर भी रांची का कब्जा तय हो गया है। sportsjharkhand.com की खबर पर मुहर लगाते हुए JSCA के आलाकमान के आदेश पर शुक्रवार को संजय सहाय ने अध्यक्ष, डॉ नरेंद्र सिन्हा ने उपाध्यक्ष, देवाशीष चक्रवर्ती उर्फ पिंटू दा ने सचिव व भानु जालान, सावित्री पूर्ति और मोहम्मद वसीम ने मैनेजिंग कमिटी सदस्य के रूप में अपना नामांकन किया। ये सभी के सभी रांची के निवासी हैं। मुख्यालय जमशेदपुर के हाथ सिर्फ कोषाध्यक्ष राजीव बधान व क्लब प्रतिनिधि का पद हाथ आया। बोकारो जिला संघ के सचिव पी एन सिंह को आलाकमान की स्वामिभक्ति का इनाम संयुक्त सचिव के पद के रूप में मिला है लेकिन उन्हें इसके बदले जिला की कुर्सी किसी और को सौंपनी होगी। सत्ताधारी गुट को इस बार किसी तरह की चुनौती मिलने के आसार कम हैं, इसलिए नामांकन ही “निर्वाचन” साबित होगा। JSCA (पूर्व में BCA) के 9 दशक के इतिहास में शायद ये पहला मौका होगा जब मैनेजिंग कमिटी में जमशेदपुर के सिर्फ और सिर्फ दो लोगों को जगह मिली हो। मतलब TATA…Bye… Bye… जमशेदपुर !
“जज” व “आरोपी” साथ-साथ
नामांकन के बाद जो तस्वीर उभर कर सामने आई उसके अनुसार पैसे लेकर खिलाड़ियों को रणजी टीम में शामिल कराने के आरोप में निलंबित रहे मोहम्मद वसीम और उन्हें निलंबन मुक्त करनेवाले संजय सहाय एक साथ मिलकर झारखंड के क्रिकेट को आगे बढ़ाएंगे। वसीम को इसी आरोप में रांची के सचिव का पद गंवाना पड़ा था लेकिन आलाकमान के प्रति उनकी असीम स्वामिभक्ति ने पुनर्वापसी करा दी है।
सावित्री पूर्ति के नामांकन पर फंसेगा पेंच
रेलवे में कार्यरत पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सावित्री पूर्ति का नामांकन में JSCA का संविधान पेंच फंसा रहा है। संविधान की धारा 9 d कहता है कि
9. Disqualifications
A person shall be disqualified from being an Office Bearer or member of the Committee of Management or a member of any sub-committee or a representative to the BCCI if he or she:
d) is a Minister or Government Servant or holds a public office except for the nominee under Rule 7(j);
मतलब कोई भी मंत्री, सरकारी नौकर या कोई भी पब्लिक ऑफिस में काम करनेवाला व्यक्ति चुनाव लडने के योग्य नहीं है।संविधान की धारा 7 (j) को छोड़कर
अब देखिए 7 (j) क्या कहता है
7 (j) One person to be nominated by the Accountant General for Jharkhand from amongst the serving senior functionaries of
the office, co-terminus with the nominee’s tenure.
मतलब साफ है कि मैनेजिंग कमिटी में झारखंड महालेखाकार कार्यालय के वरीय अधिकारी को छोड़कर कोई भी अन्य सरकारी नौकर न तो पदाधिकारी रह सकता है न ही सदस्य।
BCCI की राह पर JSCA !
क्या सावित्री पूर्ति के नामांकन के बहाने JSCA भी BCCI की राह पर चल पड़ा है। पता हो कि अध्यक्ष व सचिव ने अपनी अयोग्यता को शिथिल करने को लेकर BCCI ने संविधान संशोधन से जुड़े मसले पर सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाई है। मामला अभी न्यायालय में है और संभवतः यही कारण है कि JSCA के रणनीतिकारों ने भी सावित्री पूर्ति के नामांकन के बहाने मामला न्यायालय के चौखट पर ले जाने की रणनीति बनाई हो ? Time will tell the Truth !