जमशेदपुर/रांची टीम sportsjharkhand.com |
जोन्हा डे बोर्डिंग सेंटर की पूर्व प्रशिक्षु दीप्ति कुमारी ने 40वीं सीनियर राष्ट्रीय तीरंदाज़ी प्रतियोगिता के रिकर्व महिला एकल के फाइनल में टाटा आर्चरी अकादमी की कोमोलिका बारी को 7-3 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। महिला एकल का खिताबी मुकाबला झारखण्ड के ही खिलाड़ियों के बीच खेला गया। बिरसा मुंडा आर्चरी अकादमी जोन्हा में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही दीप्ति कुमारी ने पिछले एक दशक से रिकर्व महिला स्पर्धा में टाटा आर्चरी अकादमी की चली आ रही बादशाहत को अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन से ध्वस्त कर दिया। शुक्रवार को रैंकिंग राउंड में आठवें स्थान पर रहनेवाली दीप्ति एकल स्पर्धा में अंडरडॉग साबित हुईं। सरकार के नियमों के तहत 12वीं पास करने के बाद दीप्ति कुमारी को डे बोर्डिंग सेंटर छोड़ना पड़ा। एकल स्पर्धा में 2014 को छोड़कर पिछले 7 बार की चैंपियन दीपिका कुमारी का सफर क्वार्टर फाइनल में ही थम गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करनेवाली अंकिता भगत भी अंतिम 8 से आगे नहीं बढ़ पाईं। दीप्ति की ऐतिहासिक उपलब्धि पर उनके कोच रोहित कोईरी, बिरसा मुंडा आर्चरी अकादमी की अध्यक्षा नेहा महतो, सचिव प्रकाश राम, हरेंद्र सिंह, करण कर्मकार, शिशिर महतो समेत कई खेलप्रेमियों ने बधाई दी है।
दीप्ति ने ऐसे रचा इतिहास ⇓
1/32 : गुंचा असरी (चंडीगढ़)
1/16 : मनिस्सरी बोरो (असम)
प्री क्वार्टर फाइनल : दीपशिखा (हरियाणा)
क्वार्टर फाइनल : सहेज प्रीत कौर (पंजाब)
सेमीफाइनल : सुमनदीप कौर (AIPCB)
फाइनल : कोमोलिका बारी (झारखंड)


दीप्ति की प्रतिभा देख 2019 में सुदेश महतो ने दिया था किट
2019 में दीप्ति की प्रतिभा को पहचान प्रशिक्षकों की सलाह पर पूर्व खेल मंत्री सुदेश महतो ने तीर-धनुष समेत रिकर्व की पूरी किट उपलब्ध कराई थी। इसी किट से दीप्ति ने आज इतिहास रच दिया।
आखिरी दिन झारखण्ड ने जीते 4 पदक
प्रतियोगिता के आखिरी दिन महिला एकल का स्वर्ण दीप्ति कुमारी व रजत कोमोलिका बारी ने जीता। मिश्रित युगल में कोमोलिका बारी व जयंत तालुकदार ने झारखंड के लिए स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा महिला टीम स्पर्धा में दीप्ति-कोमोलिका-अंकिता की तिकड़ी ने रजत पदक जीता।
झारखण्ड छोड़ते ही स्वर्ण पदक ने छोड़ा दीपिका का साथ
सात बार की एकल राष्ट्रीय चैंपियन दीपिका कुमारी क्वार्टर फाइनल में हार गईं। अपने कैरियर में पहली बार दीपिका झारखण्ड छोड़ ONGC का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और झारखण्ड छोड़ते ही उनके हाथों से एकल का स्वर्ण पदक जाता रहा। पता हो कि शुक्रवार को दीपिका ने रैंकिंग राउंड में स्वर्ण पदक जीता था जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मात्र क्वालिफाइंग राउंड होता है।
“स्टार तीरंदाजों की मौजूदगी में युवा तीरंदाजों का स्वर्णिम प्रदर्शन भविष्य के लिए अच्छा संकेत है। तीरंदाजों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से खेल को एक नया आयाम मिलेगा” संजीवा कुमार सिंह हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर (आर्चरी) भारतीय खेल प्राधिकरण
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