रांची टीम sportsjharkhand.com |
ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान असलम शेर खान ने दिल्ली HC में याचिका लगाकर नरेंद्र बात्रा के हॉकी इंडिया के एक्जीक्यूटिव कमिटी में आजीवन वोटिंग राइट्स के साथ “लाइफ मेंबर” बने रहने पर सवाल उठाया था। असलम शेर खान ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि ये प्रावधान केंद्र सरकार के स्पोर्ट्स कोड का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि इसी मामले में आज HC के निर्णय/आदेश/टिप्पणी के बाद नरेंद्र ध्रुव बात्रा को सद्बुद्धि की प्राप्ति हुई है।
दरअसल भारतीय ओलंपिक संघ का चुनाव लडने के लिए के लिए किसी भी राष्ट्रीय खेल संघ या राज्य ओलंपिक संघ की कार्यकारिणी समिति का सदस्य व इलेक्टोरल कॉलेज का सदस्य होने की अनिवार्यता है। लाइफ मेंबर नहीं रहने की स्थिति में बात्रा अब हॉकी इंडिया की ओर से इलेक्टोरल कॉलेज का हिस्सा नहीं हो पाएंगे। मतलब खल्लास !
दूसरी ओर हॉकी इंडिया के फंड से IOA कार्यालय सजाने के मामले में दर्ज CBI की PE भी बात्रा के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। बात्रा से और हॉकी इंडिया के लोगों से कई दौर की पूछताछ हो चुकी है। इन परेशानियों से निजात पाने के लिए बात्रा ने “दरियादिली” का संदेश भेज IOA चुनाव से अलग होने का निर्णय लिया है।