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गुजरात में 36वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन 27 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच गुजरात के छह शहरों अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, वडोदरा, राजकोट और भावनगर में होना है। शुक्रवार को गुजरात के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। एक माह पहले तक ये तय नहीं था कि 36वें राष्ट्रीय खेल गुजरात में होंगे। राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ऐसे ही होना चाहिए, चट मंगनी पट ब्याह के अंदाज में। गुजरात राष्ट्रीय खेलों के बहाने झारखंड में आयोजित हुए 2011 के 34वें राष्ट्रीय खेलों की याद आ गई। वही राष्ट्रीय खेल जिसमे हुए घपलों घोटालों की जांच CBI कर रही है। CBI से पहले 12 साल राज्य सरकार की ACB ने भी जांच की थी, अब ACB की भूमिका की जांच भी CBI कर रही है। झारखंड का राष्ट्रीय खेल एकमात्र राष्ट्रीय खेल है जिसकी जांच CBI कर रही है।
एक ओर गुजरात में मात्र 3 माह में राष्ट्रीय खेल का आयोजन हो रहा है वही झारखंड में राष्ट्रीय खेल आयोजन की मुनादी 2001 में शुरू हुई। दस वर्षों के प्रयास के बाद 2011 में खेल का आयोजन हुआ। इन दस वर्षों में प्रेजेंटेशन, होस्ट सिटी कॉन्ट्रैक्ट, NGOC, GTCC और न जाने किस किस संस्था व कमिटी के नाम पर क्या क्या हुआ। 2001 में CM के साथ बैठक, 2002 में गेम्स प्रेजेंटेशन, 2005 में होस्ट सिटी कॉन्ट्रैक्ट, 2006-7 में रन फॉर झारखंड, 2008 में NGOC का गठन, 2009 फ्लैग सेरेमनी फिर 2011 में आयोजन। जो जो हुआ उसके आधार पर पूर्व मंत्री, IFS अधिकारी, खेल प्रशासक समेत सात आठ लोग जेल से “PHD” होल्डर हो गए।
झारखंड में 2005 से 2011 तक सात साल तक तो टेंडर पर टेंडर होते रहे। इसका टेंडर, उसका टेंडर, मेरा टेंडर, तेरा टेंडर ! ऐसे ऐसे टेंडर हुए की अगर भविष्य में कभी देश में भ्रष्टाचार विश्वविद्यालय का गठन हुआ तो यहां के टेंडर से जुड़ी फाइलें भ्रष्टाचार विश्वविद्यालय के “धर्म ग्रंथ” होंगे और फाइलों पर लिखी गई नोटिंग्स”धर्म उक्तियां”.
IOA व गुजरात सरकार को बधाई की उन्होंने 2011 के झारखंड राष्ट्रीय खेलों में हुए खेल से सबक सीखा है और आशा करता हूं कि अन्य राज्य भी कुछ सबक जरूर सीखेंगे।
राष्ट्रीय खेल
झारखंड 2011 बनाम गुजरात 2022
♦झारखंड में 2005 में हुआ होस्ट सिटी कॉन्ट्रैक्ट, गुजरात में अभी तक नहीं हुआ
♦झारखंड में राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति (NGOC) का गठन 2007 में, गुजरात में अभी तक नहीं हुआ
♦झारखंड में 2005 से 2011 तक टेंडर पर टेंडर, गुजरात में अभी तक एक भी टेंडर नहीं हुआ
♦झारखंड में 10 साल की मेहनत के बाद राष्ट्रीय खेल, गुजरात में मात्र तीन माह