
कैप्टन (मानद) सिल्वानुस डुंगडुंग
सेना : 1965-1988, हाॅकी प्रशिक्षक, झारखंड 2004 से 13, साझा में स्पोर्ट्स को- ऑर्डिनटोर झारखण्ड
मैट्रिक
हाॅकी में भारत के आखिरी स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य सिल्वानुस डुंगडुंग का अंतरराष्ट्रीय कैरियर लगभग चार साल का रहा। इसी अल्पकाल में सिल्वानुस ने शानदार प्रदर्शन की बदौलत आयरन गेट का तमगा हासिल किया। स्वर्ण पदक जीतने की खुशी में तत्कालीन बिहार सरकार ने उन्हें हरमू हाउसिंग काॅलोनी में पुरस्कार स्वरूप एक मकान दिया था। राज्य सरकार ने 2004 में सिल्वानुस डुंगडुंग को हाॅकी के भविष्य को तलाशने और तराशने की जिम्मेवारी दी जिसे वे अभी भी निभा रहे हैं। उनकी शिष्या निक्की प्रधान ने 2016 के ओलंपिक टीम में जगह भी बनाई।