रांची |
खेल निदेशालय के नाकाबिल अफसरों ने अपनी अकर्मण्यता को छुपाने के लिए सभी जिला खेल पदाधिकारियों (DSO) को बलि का बकरा बनाने की ठान ली है। अकर्मण्यता का आलम ये है कि खेल निदेशक सुशांत गौरव के आधिकारिक ई मेल से 9 अप्रैल की दोपहर 12.55 मिनट पर सभी DSO को शो कॉज का नोटिस भेजा जाता है और कहा जाता है कि 7 अप्रैल तक वे अपना जवाब निदेशालय को भेज दें। अब सभी DSO डोरेमोन (एक लोकप्रिय कार्टून कैरेक्टर) की टाइम मशीन खोजने में लगे हैं जिससे की दो तीन दिन पहले जाकर शो कॉज का जवाब दिया जा सके। 9 अप्रैल को भेजे गए ईमेल के साथ जो चिट्ठी भेजी गई है उसपर 4 अप्रैल की तारीख अंकित है। ये शो कॉज नवंबर 23 से जनवरी 24 के दरम्यान आयोजित हुए मुख्यमंत्री आमंत्रण फुटबॉल प्रतियोगिता के किट (जर्सी, बूट, शीन गार्ड, मोजा और ग्लव्स) ससमय बांटने में देरी के कारण किया गया है। शो कॉज ऐसे समय में आया है जब खेल निदेशक सुशांत गौरव तमिलनाडु के (12) आरणी लोकसभा क्षेत्र के ऑब्जर्वर की ड्यूटी निभा रहे हैं।
निदेशालय की कर्मठता ! 1 नवंबर से प्रतियोगिता शुरू हुई और निदेशालय ने 13 दिसंबर को 20% राशि आवंटित की
खेल निदेशक सुशांत गौरव और उनकी टीम के अफसर इतने काबिल हैं कि जो प्रतियोगिता 1 नवंबर से शुरू होनी थी उसके खिलाड़ियों के किट का आवंटन 13 दिसंबर को किया गया। वो भी मात्र 20 प्रतिशत की राशि। इसके बावजूद 4 जिलों को छोड़ ज्यादातर जिलों ने दिसंबर व जनवरी माह में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर किट का वितरण भी शुरू कर दिया। मीडिया द्वारा बार बार मामला उठाए जाने पर निदेशालय के अफसर जागते थे कभी फलाना तो कभी ढिकाना दस्तावेज मंगाते थे। उसके बाद मुख्यमंत्री आमंत्रण फुटबॉल से इतर निदेशालय और साझा के स्तर से होनेवाले टेंडर व नियुक्ति प्रक्रिया में अपनी ऊर्जा खपाते थे। क्योंकि असली “ऊर्जा” तो यहीं से मिलनी थी !
अब भुगतान करेगा SAJHA
निदेशालय ने एक पत्र और लिखकर साफ कर दिया है कि अब जो शेष भुगतान किया जाना है वो झारखंड खेल प्राधिकरण (SAJHA) के द्वारा किया जाएगा। अक्टूबर से लेकर आज तक मुख्यमंत्री आमंत्रण फुटबॉल प्रतियोगिता का संपूर्ण क्रियान्वयन निदेशालय की ओर हुआ लेकिन अब शेष बची लगभग 80 प्रतिशत राशि का भुगतान SAJHA से किया जाएगा। SAJHA ही क्यों ? जवाब यही है कि SAJHA में अपेक्षाकृत “कमजोर अफसर” रखे गए हैं, जो फाइल पर नियम पर कम और “ग्रीस” पर ज्यादा फिसलते हैं।
अब सभी टेंडर निदेशालय के स्तर से कराए जाने की तैयारी
जानकारी मिल रही है कि निदेशालय के कबिलांठ अधिकारियों ने अब तक जिला स्तर पर निपटाए जा रहे टेंडर को निदेशालय के स्तर से निपटाए जाने की कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है। अब सारे टेंडर निदेशालय के स्तर से निपटाए जाएंगे।