रांची |
सिमडेगा में जिस हॉकी स्टेडियम का शिलान्यास माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करकमलों द्वारा 20 अक्टूबर 2021 को सम्पन्न हुआ था उस स्टेडियम का तीसरा टेंडर 6 माह बाद हो रहा है। झारखंड में खेल से जुड़ा टेंडर हो और उसमें खिलवाड़ न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। सो अतीत के काले इतिहास की किताबों में झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम ने एक और पन्ना जोड़ दिया है। देश में हॉकी स्टेडियम बनाने की दक्षता रखनेवाले शीर्ष संस्थानों को तकनीकी आधार पर छांटकर रांची के एक रियल स्टेट कारोबारी को हॉकी स्टेडियम का टर्फ बिछाने का ठेका दे दिया गया है वो भी खुद के द्वारा तय मापदंडों को धता बताकर। मतलब साफ है कि ब्यूरोक्रेसी की मेहरबानी से इंटरनेशनल स्तर का एस्ट्रो टर्फ लगाने का काम अब एस्ट्रो टर्फ लगानेवाली संस्थाओं की बजाय टाइल्स लगानेवाले विशेषज्ञों के हाथों में होगी !
शर्त थी कि FIH सर्टिफाइड बिडर होना चाहिए, गैर सर्टिफाइड बिडर मेसर्स एमसी जैन को दिया काम
स्टेडियम निर्माण के लिए तीन-तीन टेंडर निकाले गए। तीनों टेंडर में अनिवार्य शर्त थी कि
Bidder should be a International Federation of Hockey (FIH) certified field builder.


FIH की वेबसाइट पर भारत समेत सभी देशों के सर्टिफाइड बिल्डर के नाम अंकित हैं। मेसर्स एमसी जैन का नाम इसमें कहीं नहीं है। (देखें तस्वीर)


जो 7 नाम दर्ज हैं उनमें शिव नरेश, एडवांस स्पोर्ट्स, अल्टीयस स्पोर्ट्स, चड्डा स्पोर्ट्स, ग्रेट स्पोर्ट्स स्पार्टिया एक्सिम और सिंकाट्स शामिल हैं। इसके बावजूद मेसर्स एमसी जैन को तकनीकी तौर पर योग्य बता दिया गया और अन्य सभी बिडर को अयोग्य ठहरा दिया गया।
5 अप्रैल को तकनीकी बिड खुली
तीसरे टेंडर की तकनीकी बिड खोली 5 अप्रैल को खोली गई। कुल 5 कंपनियों ने टेंडर में भाग लिया। इसमें से तीन कंपनियां शिव नरेश को 24, चड्डा स्पोर्ट्स को 8 व अलटियस स्पोर्ट्स 5 एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम बनाने का अनुभव प्राप्त था लेकिन सभी को तकनीकी आधार पर छांट दिया गया। मे रामप्रवेश सिंह और मेसर्स एमसी जैन के पास अनुभव नहीं था। मेसर्स रामप्रवेश को अयोग्य ठहराया गया जबकि मेसर्स एमसी जैन को योग्य ठहराया गया।
मेसर्स एमसी जैन को 5.5 प्रतिशत ऊंची दर पर मिला काम
तीसरी बार टेंडर 8,20,18,882 रुपये का निकाला गया था। इस टेंडर में सिर्फ एक कंपनी मेसर्स एमसी जैन ही योग्य पाई गई। मेसर्स एमसी जैन ने 5.5 प्रतिशत ऊपर का रेट (8,65,30,142.55 रुपये) लगा ठेका हासिल किया। (चूंकि ये तीसरी बार टेंडर निकला था इसलिए एकल टेंडर नहीं कहा जायेगा) sportsjharkhand.com को जानकारी मिली है कि टेंडर में भाग लेनेवाली ज्यादातर कंपनियों ने इससे कम रेट कोट किया था।
मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के पास पहुंची शिकायत
sportsjharkhand.com को पुख्ता जानकारी मिली है कि टेंडर में हुई धांधली की शिकायत मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के पास भेजी गई है। शिकायत में बिंदुवार टेंडर कमिटि द्वारा बरती गई अनियमितता की जानकारी दी गई है और उचित कार्रवाई की गुहार लगाई गई है।
(इस अनियमितता पर लगातार जारी रहेगी हमारी रपट)