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झारखंड सरकार ओलम्पियनों का सम्मान करने में तो आगे-आगे रहने का स्वांग तो रचती है लेकिन राज्य के खिलाड़ी ओलम्पियन बने इसकी दिशा में मूलभूत निर्णय लेने के मामले में सबसे फिसड्डी बनी रहती है। अब तीरंदाज़ी को ही ले लीजिए वही तीरंदाज़ी जिसकी स्टार दीपिका कुमारी के साथ ओलंपिक के बाद CM की तस्वीरें अखबारों व TV चैनलों में चस्पा हुई थीं। जमशेदपुर में सीनियर राष्ट्रीय तीरंदाज़ी प्रतियोगिता 1 से 9 अक्टूबर तक होनी है। रिकर्व, कंपाउंड व इंडियन राउंड में होनेवाली प्रतियोगिता में भाग लेने वाली झारखंड टीम का चयन ट्रायल होना है लेकिन सरकार के ट्रेनिंग सेंटर बंद होने से लगभग 300 तीरंदाजों का भविष्य अधर में लटकता हुआ दिखाई दे रहा है। 18 माह से 12 आवासीय व चार डे बोर्डिंग सेंटर के तीरंदाज़ घर में बैठे हैं। बहुत कम तीरंदाज़ ऐसे हैं जो स्वयं के संसाधनों से लगातार प्रैक्टिस में हैं। ऐसे में 19 सितंबर से पहले ट्रायल की अनिवार्यता ने सरकारी आवासीय व डे-बोर्डिंग सेंटरों के तीरंदाजों के समक्ष विकट स्थिति पैदा कर दी है और सेंटर खोलने के जिम्मेवार अधिकारी AC कमरों में बैठ खेल उन्नयन के दिवास्वप्न देखने व अपने आलाधिकारियों को दिखाने में मस्त हैं।
सरकारी सेंटरों के कई तीरंदाज़ ट्रायल के लिए योग्य लेकिन कैसे शामिल हों ट्रायल में ?
जानकारी के अनुसार आवासीय व डे-बोर्डिंग सेंटरों के लगभग दो दर्जन से ज्यादा तीरंदाज़ ट्रायल के लिए योग्य हैं। लेकिन सबसे बड़ी समस्या ये है कि मोरहाबादी स्टेडियम के कमरों में बैठे काबिल अधिकारियों के आदेश के बगैर प्रशिक्षक तीरंदाजों को सेंटर तक कैसे बुलाएं ? तीरंदाजों के हित में अगर प्रशिक्षक ऐसा करते हैं तो अनुशासनहीनता की कागज़ी तलवार साफ लटकती हुई दिखाई देती है। छुट्टी के दौरान क्लब जाने पर प्रशिक्षकों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाले अधिकारी KOVID के बहाने कहीं KILL ही न कर दें। प्रशिक्षक बेचारे क्या करें ?
विरोधाभाष : सरकार राष्ट्रीय फुटबॉल के कैम्प तो कराएगी लेकिन आवासीय सेंटर बंद रखेगी
राज्य सरकार राष्ट्रीय जूनियर महिला फुटबॉल टीम के कैम्प का आयोजन तो करा रही है लेकिन आवासीय व डे बोर्डिंग सेंटर खोलने में आपत्ति है। ये आपत्ति समझ से परे है। यही नहीं राज्य में संचालित हो रही ज्यादातर निजी तीरंदाज़ी अकादमी व सेंटर खुले हुए हैं लेकिन बाज़ार, सिनेमाघर, रेस्टोरेंट व पार्क में घूमनेवाले सरकारी सेंटर के खिलाड़ी स्टेडियम में अभ्यास नहीं कर सकते ! सरकार के फैसलों में इतना विरोधाभाष खिलाड़ियों के हित में नहीं है। सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
24 सदस्यीय झारखंड टीम लेगी भाग
1 से 9 अक्टूबर तक जमशेदपुर में होनेवाली सीनियर राष्ट्रीय तीरंदाज़ी प्रतियोगिता में झारखंड की 24 सदस्यीय टीम भाग लेगी। इनमे रिकर्व में 4 बालक व 4 बालिका, कंपाउंड में 4 बालक व 4 बालिका तथा इंडियन में 4 बालक व 4 बालिका तीरंदाजों का चयन होना है।