रांची
टीम sportsjharkhand.com |
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद 10 नवंबर को होनेवाले भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के SGM से पहले संशोधित संविधान की प्रति सदस्यों के बीच सर्कुलेट कर दी गई। संविधान में जो बदलाव प्रस्तावित हैं, उसके अनुसार कोई भी प्रशासक IOA एक्जीक्यूटिव कमिटी में 3 टर्म के बाद किसी भी पद के लिए चुनाव लड़ने से वंचित हो जाएगा। मतलब जिस किसी ने भी IOA में तीन टर्म (एक या कई पद मिलाकर) पूरा कर लिया है, उनका चुनावी करियर खत्म हो गया। साथ में 2 टर्म पदाधिकारी रहने के बाद कूलिंग ऑफ अनिवार्य होगा। 70 साल से ऊपर का व्यक्ति चुनाव लड़ने के अयोग्य होगा। पद का अर्थ एक्जीक्यूटिव कमिटी के किसी भी पद से है। इस लिहाज से IOA के वर्तमान कमिटी के ज्यादातर पदाधिकारी या तो कूलिंग ऑफ में जाएंगे या उनकी चुनावी पारी सदा सर्वदा के लिए समाप्त हो जाएगी। अगर ये संविधान SGM में मंजूर हुआ तो सर्वोच्च न्यायालय, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमिटी और भारत सरकार के स्पोर्ट्स कोड के त्रिशंकु में फंसे IOA के पदाधिकारी 10 नवंबर को अपने ही डेथ वारंट पर मुहर लगा देंगे।
IOA एक्जीक्यूटिव कमिटी में 29 की जगह अब 13 पदाधिकारी होंगे निर्वाचित
संविधान में सुधार के बाद IOA की एक्जीक्यूटिव कमिटी में अब 29 की बजाय 15 पदाधिकारी ही निर्वाचित होंगे। 1 अध्यक्ष, 1 वरीय उपाध्यक्ष, 2 उपाध्यक्ष, 1 कोषाध्यक्ष, 2 संयुक्त सचिव और 6 एक्जीक्यूटिव सदस्य का निर्वाचन होना है। इसमें उपाध्यक्ष व संयुक्त सचिव के 1-1 पद और एक्जीक्यूटिव सदस्य के 2 पद महिला के लिए आरक्षित होंगे।
एक्जीक्यूटिव कमिटी में कम से कम चार पूर्व खिलाड़ी अनिवार्य रूप से रहेंगे
IOA की एक्जीक्यूटिव कमिटी में सदस्य के तौर पर 2 स्पोर्ट्समैन ऑफ आउटस्टैंडिंग मेरिट (SOM) के कोटे से निर्वाचित होंगे। इसके अलावा एथलीट कमीशन के दो सदस्य भी एक्जीक्यूटिव कमिटी के स्थाई सदस्य होंगे। SOM और एथलीट कमीशन के 1-1 महिला खिलाड़ी का होना अनिवार्य है।
राज्य ओलंपिक संघ का वोटिंग अधिकार खत्म, राष्ट्रीय खेल संघ को 2 वोट का अधिकार
प्रस्तावित संशोधन में राज्य/केंद्रशासित प्रदेश/सेना/अन्य ओलंपिक संघों के वोटिंग अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं। इलेक्टोरल कॉलेज में प्रत्येक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल संघ को 2-2 वोट देने का अधिकार होगा। इसके अलावा IOC सदस्य को एक वोट का अधिकार दिया गया है। खास बात ये है कि 8 स्पोर्ट्समैन ऑफ आउटस्टैंडिंग मेरिट (SOM) और एथलीट कमीशन के 2 प्रतिनिधियों को भी वोटिंग का अधिकार होगा।
महासचिव की जगह नामांकित होंगे CEO
IOA में महासचिव का पद समाप्त कर दिया गया है। अब महासचिव की भूमिका CEO निभायेंगे। CEO का चयन नॉमिनेशन कमिटी प्रचार प्रसार के बाद करेगी। CEO वही बनेगा जिसे 25 करोड़ रुपए से ज्यादा की टर्नओवर करनेवाली कंपनी में कम से कम 10 साल का अनुभव प्राप्त हो। IOA का कोई भी पूर्व व वर्तमान पदाधिकारी इस पद के लिए अयोग्य होगा। CEO भविष्य में कभी भी IOA का चुनाव लड़ने की योग्यता नहीं रखेगा। नॉमिनेशन कमिटी में IOA के अध्यक्ष, एथलीट कमीशन का अध्यक्ष व IOC सदस्य शामिल होंगे।
अनिल खन्ना, आरके आनंद, राजीव मेहता, नानावटी, कुलदीप वत्स, सुनैना कुमारी, नामदेव, बाली, कुशवाहा चुनाव लड़ने से हो जाएंगे अयोग्य
अगर इस संविधान संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो वर्तमान कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष/वरीय उपाध्यक्ष अनिल खन्ना, वरीय उपाध्यक्ष आरके आनंद, उपाध्यक्ष बीरेंद्र बैस्य, कुलदीप वत्स, वीडी नानावती व सुनैना कुमारी, महासचिव राजीव मेहता, संयुक्त सचिव एस एम बाली, नामदेव शिरगांवकर, सदस्य अजीत बनर्जी व बलबीर सिंह कुशवाहा जैसे पदाधिकारी या तो कूलिंग ऑफ में जाएंगे या सदा सर्वदा के लिए IOA की चुनावी राजनीति से बाहर हो जाएंगे। जिस किसी भी पदाधिकारी ने IOA की एक्जीक्यूटिव कमिटी में तीन टर्म (किसी भी पद पर) पूरा कर लिया है वो अब चुनाव लड़ने के अयोग्य होंगे।