रांची |
झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन सोसायटी (JSSPS) के लगभग 385 कैडेट्स की पढ़ाई पर ठेके पर देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस निमित्त JSSPS के कर्णधारों ने Request for Proposal (RFP) मतलब टेंडर निकाल दिया है। इस RFP में कई तकनीकी खामियां हैं, जिसपर टेंडर जारी होने से पहले मंथन कर लिया जाना चाहिए था। इन तकनीकी खामियों के कारण ये संभव ही नहीं है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से मान्यता प्राप्त कोई स्कूल इस टेंडर में हिस्सा ले सके और अगर कोई मान्यताप्राप्त स्कूल हिस्सा लेता भी है तो उसपर मान्यता खत्म होने की तलवार लटक सकती है। साफ है कि RFP बनाने में कोयला खनन, परिवहन और विक्रय करने के विशेषज्ञों ने किसी भी शिक्षा विशेषज्ञ की सेवा नहीं ली। इस गलती के कारण टेंडर की प्रक्रिया और लंबी हो जाएगी और स्कूल जाने की बाट जोह रहे 385 कैडेट्स का इंतजार और लंबा होता जाएगा। पता हो कि अचानक लिए गए फैसले के बाद 1 अप्रैल से सभी 385 कैडेट्स की पढ़ाई बाधित चल रही है। sportsjharkhand.com की खबर के बाद मई माह के पहले सप्ताह से बच्चों को अस्थाई तौर पर “ट्यूशन” दिया जा रहा है।
RFP में क्या है खामी
RFP में सबसे बड़ी खामी ये है कि क्लॉज 2.3 में साफ साफ जिक्र है की इच्छुक संस्थान को मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्थित एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग में कैडेट्स को पढ़ाना होगा।
2.3 The venue for the providing education facility i.e. Physical Classes shall be Administrative Building/ Mega Sports Complex, Khelgaon, Hotwar, Ranchi.
जबकि स्कूलों को मान्यता देने संबंधी CBSE का नॉर्म्स 15.4 कहता है कि स्कूल वहीं शिक्षा दे पाएंगे जहां के लिए उन्हें मान्यता मिली है। पूर्णतः शिफ्टिंग की इजाजत तो स्कूल को सशर्त मिल सकती है लेकिन एक्सटेंशन सेंटर चलाने की इजाजत CBSE नहीं देती है।


मतलब साफ है कि कोई भी मान्यता प्राप्त स्कूल नियमों के परे जाकर मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 385 बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की स्थिति में नहीं है और अगर कोई स्कूल शिक्षा की व्यवस्था करने की पहल करता है तो CBSE से मान्यता पर संकट के बादल मंडराएंगे।
शिक्षकों की योग्यता भी CBSE नॉर्म्स से इतर
RFP के क्लॉज 2.8 के अनुसार कक्षा 8 से 11 तक के कैडेट्स को पढ़ाने वाले शिक्षकों की अनिवार्य योग्यता बीएड रखने की शर्त रखी गई है। ये भी CBSE के तय तकनीकी मापदंडों के विपरित है। CBSE के नियमानुसार कक्षा 8 तक पढ़ानेवाले शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता स्नातक के साथ बीएड होनी चाहिए। जबकि कक्षा 9 से 12 तक के शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता पोस्ट ग्रेजुएट के साथ बीएड होनी चाहिए। JSSPS द्वारा जारी RFP में सिर्फ और सिर्फ बीएड की योग्यता निर्धारित की गई है, जो तकनीकी रूप से गलत है। साफ है कि RFP बनाने से पहले कोई होमवर्क नहीं किया गया ना ही किसी जानकार से फीड बैक लिया गया।


JSSPS प्रबंधन की गलती का खामियाजा भुगतेंगे कैडेट्स, स्कूल में पढ़ाई के लिए करना पड़ेगा इंतजार
1 अप्रैल से ही 385 कैडेट्स की पढ़ाई बाधित चल रही है। मई के प्रथम सप्ताह से एड हॉक बेसिस पर “ट्यूशन” की व्यवस्था की गई है। लेकिन सभी कैडेट्स को स्कूल जाने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। JSSPS प्रबंधन द्वारा शिक्षा की नई व्यवस्था किए बगैर जल्दबाजी में पुरानी व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय कैडेट्स के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। JSSPS के कर्णधार इस गंभीर विषय पर जल्द जागेंगे और जरूरी कार्रवाई करेंगे यही आशा है।