sportsjharkhand.com टीम
रांची
आर के आनंद ! नाम ही काफी है ! एक लब्ध प्रतिष्ठित वकील, पूर्व सांसद, नेतृत्वकर्ता-वक्ता और एक कुशल खेल प्रशासक। वकालत व राजनीति का स्वर्णिम काल इतिहास में दर्ज है और 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले के छींटों ने नेतृत्वकर्ता और कुशल खेल प्रशासक के तमगे पर भी काले-घने संकट के बादल मंडरा दिए हैं। ऐसी परिस्थिति में बेटे को राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर प्रतिस्ठापित करने में अग्रणी भूमिका निभानेवाले प्रभात शर्मा और संजय शर्मा द्वारा किये जा रहे कुकर्मों के sportsjharkhand.com पर हो रहे खुलासे ने साहेब के लिए परेशानी खड़ी कर दी। खेल प्रशासकों के दवाब में महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण के आरोपी संजय शर्मा पर नूरा कार्रवाई करवाई और जल्द ही प्रभात शर्मा पर भी कड़ी कार्रवाई करने के आश्वासन की घुट्टी पिलाई। लेकिन हर सप्ताह शर्मा बंधुओं के खिलाफ हो रहे नए खुलासे परेशानियों का सबब बन बैठे। आपने संजय को TFI, JOA से तो बाहर किया लेकिन झारखंड वेटलिफ्टिंग संघ में बनाये रखा ? आखिर क्यों ? क्या मज़बूरी थी ?
इसी बीच JOA का चुनाव आ गया। IOA के नियमों को दरकिनार किये जाने और वोटर लिस्ट कि गड़बड़ियों की खबर छापे जाने के बाद आपका छोटा भाई (ऐसा आप ही कहते थे) ब्लैक मेलर बन गया (झारखंड ओलंपिक व्हाट्सएप्प ग्रुप में आपने यही लिखा है, और लोगों को मुझे ब्लॉक करने को भी कहा है)।
मैंने पहले ही दिन आपको और आपके शागिर्दों को बता दिया था खिलाड़ियों से छात्रवृत्ति में कमीशन मांगने वाले प्रभात शर्मा और संजय शर्मा को सभी खेल संघों से बाहर किये जाने से कम हमे कुछ भी मंज़ूर नही। हम आज भी अपनी मांग पर अड़े हैं कि कुकर्मियों को खेल संघ से बाहर करना ही पड़ेगा। अगर यही ब्लैकमेलिंग है तो हम हर दिन हर पल करेंगे ऐसी ब्लैकमेलिंग।
sportsjharkhand.com आपको खुली चुनौती देता है कि आप दुनिया को ये बताएं कि हमने आपको किस बात के लिए और कब ब्लैकमेल किया ? क्या आपसे या आपके शागिर्दों से पैसे या अन्य कोई सामान की मांग की गई थी ? या किस तरीके से आपको या आपके शागिर्दों को ब्लैकमेल किया जा रहा था ? दुनिया को ये जानने का हक़ है और आपको ये बताना चाहिए।
प्रत्यक्षम किम प्रमाणं।