प्रिय पाठकों,
जब यह एक छोटा सा पत्र लिख रहा हूं तो तय नहीं कर पा रहा कि इसे आभार पत्र कहूं, धन्यवाद पत्र कहूं या कुछ और। आभार, शुक्रिया, धन्यवाद जैसे शब्द इसे औपचारिकता की परिधि में ला देंगे और इसे कतई औपचारिक बनाने को मन गवाही नहीं दे रहा। झारखंड सरकार ने आठवीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान इतिहास की पाठ्य पुस्तक \’आधुनिक भारत\’ के 11वें अध्याय में sportsjharkhand.com को भी तथ्यपरक संदर्भ आधार के रूप में शामिल किया है (11वें अध्याय में झारखंड में हॉकी शीर्षक से 156वें पृष्ठ पर यह उल्लेखित है) (देखें तस्वीर). इसकी सूचना मिलने मात्र से ही sportsjharkhand.com का संस्थापक व मॉडरेटर होने के नाते आंखों में खुशी के आंसू छलछला गये थे। और फिर सकार रूप में, छपित रूप में पुस्तक में देखना भावुकता के साथ ही उत्साह, उम्मीदों को तेजी से बढ़ानेवाला रहा।
sportsjharkhand.com की जब शुरुआत हुई, तब से ही इसे पाठकों, खेलप्रेमियों, खिलाड़ियों, खेल प्रशासकों का नेह…छोह…प्यार…दुलार और भरोसा, सब निरंतर हासिल हुआ, दिल खोल कर आपने हौसलाअफजाई भी की। उसी पूंजी के भरोसे इस सफर को बढ़ाते भी रहा लेकिन इतने कम समय की यात्रा में सूचनाओं की दुनिया से इतर ज्ञान और जानकारी दुनिया के लिए एक विश्वसनीय व ठोस स्रोत की तरह मान्यता देना sportsjharkhand.com को पूर्णत्व प्रदान करने जैसा है। आगे सतत प्रयास से एक मुकम्मल और ठोस आकार लेने के लिए ऊर्जा देता है। जब से पत्रकारिता की शुरुआत हुई है तब से इसके मूल काम में सूचना देने के साथ ही शिक्षित करने को भी रखा गया है और कक्षा 8 के पाठ्य पुस्तक में sportsjharkhand.com के शामिल होने से सुकून का यह भाव आया है कि हम सही रास्ते पर जा रहे हैं। भले ही रास्ता अभी पगडंडियों की तरह है लेकिन आगे यह और चौड़े और टिकाऊ राह की तरह बनेगा, यह भरोसा भी जगा है।
झारखंड की पहचान की कई रेखाएं हैं, जिसमें एक मजबूत रेखा इसका खेल हब भी होना है और इस लिहाज से sportsjharkhand.com आगे भविष्य में एक ठोस, विश्वसनीय मंच बने, इसकी कोशिश तो शुरू दिन से रही लेकिन इस हासिल अथवा उपलब्धि के बाद तो आगे की जिम्मेवारियां और बढ़ गयी हैं। इसके लिए किसे धन्यवाद कहूं, कैसे शुक्रिया कहूं यह तय नहीं कर पा रहा। झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग, पाठयपुस्तक निर्माण समिति, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद, झारखंड शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के प्रति दिल से आभारी हूं। यह आभार इस वादे के साथ है कि आगे अपने सामर्थ्य के अनुसार निरंतर ईमानदार कोशिश जारी रहेगी। यह कोशिश होगी कि झारखंड की एक मजबूत पहचान अगर खेल स्टेट के तौर पर है तो उसे देश और दुनिया में स्थापित करने में, झारखंड में खेल को लेकर जागरूकता जगाने में और खोयी प्रतिष्ठा वापस लाने में sportsjharkhand.com भी गिलहरी भूमिका जरूर निभाये। sportsjharkhand.com की ये कोशिश होगी कि राज्य खेल के मामले में अपने सुनहरे अतीत से सबक और प्रेरणा लेते हुए वर्तमान में ऐसी नींव रखे कि भविष्य झारखंड के कदमों को चूमे।
सधन्यवाद !
आपका अपना
सुशील कुमार सिंह @ मंटू
Founder-Editor-Moderator