66वीं अखिल भारतीय पुलिस वाॅलीबाॅल क्लस्टर प्रतियोगिता भी मैच फिक्सिंग के जाल में धंसती हुई नजर आ रही है। हैंडबाॅल पुरूषों की स्पर्धा का मुकाबला पहले से ही फिक्सड था। शुक्रवार को sportsjharkhand.com पर छपी खबर http://www.sportsjharkhand.com/detailpanel.php?rcode=706 पर शनिवार को मुहर लग गयी। हमने शुक्रवार की रात ही ये खबर अपने पाठकों तक पहुंचा दी थी कि हैंडबाॅल में झारखंड स्वर्ण पदक, सीाआरपीएफ रजत पदक और सीआइएसएफ कांस्य पदक जीतेगा। हमने जो खबर शुक्रवार को पाठकों तक पहुंचायी वो पटकथा कि तरह खिलाड़ियों और अधिकारियों ने शनिवार को निभाया। झारखंड ने सीआरपीएफ को 25-19 से हरा कर हैंडबाॅल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीत लिया। कांस्य पदक के मुकाबले में भी जो हमने कहा था वही दोहराया गया और सीआइएसएफ ने बीएसएफ को हराकर कांस्य पदक पर कब्जा किया।
टूर्नामेंट डायरेक्टर को दिए गए 3.60 लाख रुपये !
शुक्रवार को खेल गांव परिसर में दिनभर ये चर्चा रही कि हैंडबाॅल टूर्नामेंट डायरेक्टर खुर्शिद खान (झारखंड हैंडबाॅल संघ के महासचिव) से झारखंड पुरूष टीम के 16 खिलाड़ी और 2 कोच/मैनेजर मिले और स्वर्ण पदक जीताने के बदले सभी ने 20-20 हजार रुपये देने की हामी भरी। चर्चा ये भी है कि इनमें से 1.6 लाख रुपये पेशगी के तौर पर दे भी दिए गए। पता हो कि खुर्शिद खान जमशेदपुर के रहनेवाले हैं और फाइनल में पहुंची दूसरी टीम सीआरपीएफ में ज्यादातर खिलाड़ी भी जमशेदपुर के ही हैं। हम खबर की पुष्टि नहीं करते लेकिन ये गहन जांच का विषय है कि मैच खेले जाने से 24 घंटे पहले रिजल्ट कैसे तय हो गया ?
प्रोमोशन का खेला बन गया वाॅलीबाॅल क्लस्टर का हैंडबाॅल
अखिल भारतीय पुलिस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने पर पुलिसकर्मियों को आउटआॅफ टर्म प्रोमोशन मिलने का प्रावधान है और फिक्सिंग के कुकर्म का पूरा जाल बिछाए जाने के पीछे की रणनीति भी। पिछले साल आंध्रप्रदेश में वाॅलीबाॅल क्लस्टर प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था और हैंडबाॅल का स्वर्ण आंध्रपद्रेश ने ही जीता था। इस बार नाॅकआउट में भी टीम नहीं पहुंच पायी।
हद है ! फिक्सर को पकड़नेवाली संस्था ही फिक्सिंग के जाल में
मैच फिक्सिंग की जांच एजेंसी पुलिस ही होती है और जब अखिल भारतीय पुलिस प्रतियोगिता में ही फिक्सिंग होने लगे तो जांच कौन करेगा ? खेल से खिलवाड़ करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई तो होनी ही चाहिए। sportsjharkhand.comआयोजकों से मांग करता है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों के उपर कठोरतम कार्रवाई भी तय होनी चाहिए।
दो साल से फिक्सिंग हो रही है, हम अपने डीजी से मिलकर रिक्वेस्ट करेंगे कि हैंडबाॅल स्पर्धा को बंद करा दिया जाए। ये मुद्दा अपने डीजी के माध्यम से हम एआइपीसीबी (आॅल इंडिया पुलिस कंट्रोल बोर्ड) तक ले जाएंगे।
एक टीम के कप्तान
66वीं अखिल भारतीय पुलिस वाॅलीबाॅल क्लस्टर प्रतियोगिता के परिणाम
वाॅलीबाॅल (पुरूष)
स्वर्ण: पंजाब, रजत: केरल, कांस्य: सीआरपीएफ
वाॅलीबाॅल (महिला)
स्वर्ण: केरल, रजत: तमिलनाडू, कांस्य: महाराष्ट्र
हैंडबाॅल (पुरूष)
स्वर्ण: झारखंड, रजत: सीआरपीएफ, कांस्य: सीआइएसएफ
हैंडबाॅल (महिला)
स्वर्ण: मणिपुर, रजत: हरियाणा, कांस्य: महाराष्ट्र
बाॅस्केटबाॅल (पुरूष)
स्वर्ण: पंजाब, रजत: बीएसएफ, कांस्य: सीआरपीएफ
बाॅस्केटबाॅल (महिला)
स्वर्ण: केरल, रजत: पंजाब, कांस्य: तमिलनाडू
सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी
वाॅलीबाॅल (पुरूष)
गुरिंदर सिंह, पंजाब
वाॅलीबाॅल (महिला)
अंजू मोल, केरल
हैंडबाॅल (पुरूष)
सुनील कुमार सिंह, झारखंड
हैंडबाॅल (महिला)
सोनू मोल एस, केरल
बाॅस्केटबाॅल (पुरूष)
राजबीर सिंह, पंजाब
बाॅस्केटबाॅल (महिला)
सी एच लक्ष्मी, मणिपुर
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