sportsjharkhand.com टीम
रांची
सर्वोच्च न्यायालय के 2 और 3 जनवरी के फैसले के बाद JSCA के पदाधिकारियों में खलबली मची है। सूत्रों पर भरोसा करें तो CEO एके सिंह ने गुरुवार को हुई बदसलूकी के बाद अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी। मान-मन्नौवल का दौर ज़ारी है, लेकिन ए के सिंह भी इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं। sportsjharkhand.com ने एके सिंह का पक्ष जानने के लिए दूरभाष पर बात की लेकिन उन्होंने इस विषय पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन बातचीत में तल्खी उनके शब्दों से साफ़ झलक रही थी। पता हो कि MECON से रिटायर होने के बाद से एके सिंह JSCA के CEO हैं, वो भी तनख्वाह पर। दूसरी ओर उपाध्यक्ष पद से मनोज सिंह 18 जुलाई के फैसले के बाद ही इस्तीफा दे चुके हैं ये अलग बात है कि JSCA की आधिकारिक वेबसाइट अभी भी उन्हें उपाध्यक्ष बता रही है। हो सकता है उनका इस्तीफा मंज़ूर ना हुआ हो। एक अन्य पदाधिकारी सोशल साइट्स पर खुद को अमिताभ चौधरी से खुद के अलग होने का दावा पेश कर रहे हैं, शब्दों की जुबानी। कुछ और पदाधिकारी भी खुद को JSCA और सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों के बीच पीसने से बचने का उपाय ढूंढ रहे हैं।
दस्तावेज़ों को लेकर है CEO की नाराजगी
JSCA और दस्तावेजों के गायब होने का इतिहास काफी पुराना है। ताज़ा मामला कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों के CEO ऑफिस से हटाए जाने को लेकर है। CEO ने इसपर आपत्ति दर्ज कराई और मामला बढ़ गया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अवश्यम्भावी नेतृत्व परिवर्तन के संकेत साफ़ हैं और उससे पहले ही CEO इस्तीफा देने पर अड़े हैं। लेकिन JSCA का वर्तमान नेतृत्व इसके लिए तैयार नहीं, शायद कुछ महत्वपूर्ण काम निपटाने शेष हैं !
…..और चर्चा हिरण्यकश्यपु की
एक उपाध्यक्ष ने 2, 3 और 5 तारीख के घटनाक्रम के बाद JSCA के हिरण्यकश्यपु और नरसिंह अवतार की चर्चा सोशल साइट्स पर छेड़ दी है। उपाध्यक्ष से अध्यक्ष महोदय का सम्बन्ध कभी मुहाँ-मुंही तो कभी पीठा-पीठी रही हैं, ये सबको पता है। लेकिन एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेवारी छीन लिए जाने के बाद से वे नाख़ून काट कर शहीद का दर्ज़ा पाने को बेताब दिख रहे हैं।