रांची
OUR MISSION OLYMPIC GOLD में जुटे रहने का छद्म आवरण ओढ़े अधिकारियों को जब बिग बाॅस की ओर से स्पोट्र्स काॅम्प्लेक्स की सुरक्षा में सेंध लगने के बाद MISSION VVIP GOLD सौंपा गया तो सभी के होश फाख्ता हो गए। कई दिनों की तफ्तीश के बाद MISSION VVIP GOLD के तहत जांच अधिकारियों के हाथों ना तो गोल्ड आया ना ही कोई ठोस सुराग। हाथ आई तो सिर्फ और सिर्फ बिग बाॅस की नाराजगी। 2024 OUR MISSION OLYMPIC GOLD के झंडाबरदार 2018 के MISSION VVIP GOLD में पूरी तरह फेल हो गए। दरअसल MISSION VVIP GOLD के तहत अधिकारियों को 1.8 लाख रुपये का एक ब्रांडेड झुमका ढुंढने की जिम्मेवारी दी गयी थी। दरअसल बाॅस के बेटे की शादी-रिसेप्शन पार्टी में शामिल होने के लिए पहुंची एक महिला रिश्तेदार का डिजायनर झुमका था। उस रिश्तेदार के ठहरने की व्यवस्था होटवार के वीवीआइपी गेस्ट हाउस में थी और इसी दौरान कमरे से डायमंड जड़ित सोने का झुमका गायब हो गया।
सिपहसलार ने गार्डों के समक्ष मैडम की भद्द पिटवाई
sportsjharkhand.com को सूत्रों से जानकारी मिली कि जांच के दौरान सिपहसलार ने सारे सुरक्षा प्रहरियों/इंचार्ज की मीटिंग बुलाई। इस दौरान सभी को डांट लगायी गयी और झुमका नहीं मिलने की स्थिति में सुरक्षा में तैनात सभी प्रहरियों/इंचार्ज के तनख्वाह से पैसे काटने की चेतावनी भी दी गयी। अपना भाव चढ़ाने के चक्कर में बाॅस के सिपहसलार ने मैडम को फोन लगा दिया और पूरे घटनाक्रम की जानकारी स्पिकर के माध्यम से सभी इंचार्जों/गार्डों को सुनवाई। परिसर में कार्यरत कुछ कर्मचारियों से जांच के नाम पर बदसलूकी भी की गयी, जिसकी शिकायत परिजनों ने थाने तक पहुंचाई। बाद में थानेदार ने सिपहसलार को इस तरह के व्यवहार से बाज आने की चेतावनी भी दी।
अपनी चमड़ी बचाने में मैडम के कन्फ्यूस्ड होने का प्रोपेगैंडा
बिग बाॅस के नजर में अपनी अहमियत बरकरार रखने के लिए सिपहसलार मैडम के कन्फ्यूस्ड होने के प्रोपेगैंडा पर विशेष तौर पर काम कर रहे हैं। मैडम ने झुमका गायब होने के बाद ही थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी थी और उसमें साफ तौर लिखा था कि उन्होंने झुमका उतार कर कमरे मंे एक जगह रखा था, बाद में वे लौटीं तो वहां से झुमका गायब था। लेकिन मैडम के रांची छोड़ने के बाद इस घटना को ढंकने के लिए मैडम के कन्फ्यूस्ड होने का प्रोपेगैंडा चल पड़ा।
पुलिस भी पहुंची, कुछ नहीं मिला, दिए निर्देश
पूरे मामले की जानकारी मैडम ने लिखित तौर पर स्पोट्र्स काॅम्प्लेक्स स्थित खेलगांव टीओपी को भी दी। टीओपी से थाना प्रभारी स्वयं जांच के लिए वीवीआइपी गेस्ट हाउस पहुंचे। घटनास्थल का मुआयना करने और कार्यरत कर्मचारियों से पूछताछ करने के बाद वे बगैर कुछ ठोस नतीजे के वापस लौट गए। पुलिस ने वीवीआइपी गेस्ट हाउस परिसर में सीसीटीवी होने लेकिन उसकी रिकाॅर्डिंग ना होनेपर गहरा विरोध दर्ज कराया और जल्द से जल्द सीसीटीवी चालू करने और बार-बार स्टाफ नहीं बदलने समेत सुरक्षा मानकों के तहत कई निर्देश भी दिए।
झुमका कांड के बाद सीसीटीवी की जद में आया वीवीआइपी गेस्ट हाउस
पिछले ढाई साल में सीसीएल ने वीवीआइपी गेस्ट हाउस में मरम्मती के काम पर कोयलाकर्मियों के पसीनों की कमाई के करोड़ों रुपये फूंक दिए लेकिन 10 हजार रुपये की सीसीटीवी नहीं लगायी गयी थी। बाॅस के रिश्तेदार के साथ घटना होने के तुरंत बाद बगैर टेंडर के ही वीवीआइपी गेस्ट हाउस में कई सीसीटीवी लगा दिए गए हैं। जीतने सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं वे वीवीआइपी एरिया के लिए अब भी माकूल नहीं हैं लेकिन खानापूर्ति करने की आदत से लाचार अधिकारी खुद की खाल बचाने की प्रत्याशा में सांप चल जाने के बाद इसी तरह लाठी पीटते नजर आते हैं।
जांच अभी भी जारी है, किसी निष्कर्ष पर हम नहीं पहुंचे हैं लेकिन वीवीआइपी मूवमेंट वाले गेस्ट हाउस में सीसीटीवी का रिकाॅर्डिंग मोड में ना होना सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही नहीं है। संबंधित पदाधिकारियों को हमने सुरक्षा मानकों के तहत कई निर्देश दिए हैं।
तारिक, टीओपी प्रभारी