विधानसभा स्थित सभागार में क्रिकेट परिचर्चा
sportsjharkhand.com टीम
रांची
लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए किये जा रहे क्रियाकलापों के खिलाफ आयोजित क्रिकेट परिचर्चा में JSCA में व्याप्त अपारदर्शी व्यवस्था को समाप्त करने तक लोकतान्त्रिक तरीके से लड़ाई ज़ारी रखने पर सर्वसम्मति से फैसला लिया गया। विधानसभा परिसर स्थित सभागार में आयोजित परिचर्चा में लगभग 10 ज़िलों से आए क्रिकेट के वर्तमान और भूतपूर्व प्रशासकों के अलावा कई पूर्व रणजी खिलाड़ियों ने JSCA की वर्तमान व्यवस्था पर चिंता जताई। परिचर्चा में डेढ़ दर्ज़न से ज़्यादा लोगों ने खुलकर अपने विचार रखें।
सभी वक्ताओं ने JSCA के आंतरिक लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए अमिताभ चौधरी को ज़िम्मेवार ठहराया और लोढ़ा कमिटि की सिफारिशों और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अक्षरशः लागू करने की वकालत भी की। परिचर्चा के दौरान सभागार खचाखच भरा रहा और मौजूद लोगों ने मेज़ थपथपाकर कई मुद्दों पर अपनी सहमति भी जताई। परिचर्चा में ज़्यादा लोगों के आने से आयोजक काफी उत्साहित दिखे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता BCA/JSCA और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के सदस्य रहे और राज्य स्तरीय अंपायर विपिन बिहारी गुप्ता ने किया जबकि मंच संचालन सुनील कुमार सिंह ने किया। परिचर्चा का आयोजन JSCA के पूर्व उपाध्यक्ष, लोहरदगा ज़िला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष व पूर्व MLC प्रवीण सिंह की पहल पर किया गया और इसमें पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय, सरायकेला-खरसावां क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अरविन्द सिंह, लोहरदगा क्रिकेट संघ के सचिव भाष्कर दासगुप्ता, JSCA के आजीवन सदस्य दीपक प्रकाश, सरोज सिंह, दिवाकर सिंह, पंकज शाह, रणजी खिलाड़ी शिवव्रत बनर्जी, उज्ज्वल दास, राकेश, कुलदीप सिंह, जीतू पटेल, जीतेंद्र समेत कई क्रिकेट प्रेमी मौजूद थे।
JSCA के खिलाफ लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से : प्रवीण सिंह
परिचर्चा में प्रवीण सिंह ने JSCA की अलोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लोकतान्त्रिक तरीके से मुकाम तक पहुंचाने की बात कही। उन्होंने साफ़ किया कि JSCA में पदाधिकारी बनना मेरी प्राथमिकता नहीं है। JSCA के पदाधिकारी अपने पद को सुरक्षित करने और अपने आका को प्रसन्न करने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। मैच से पहले JSCA के एक पदाधिकारी द्वारा फरिया लेने की बात कहने पर प्रवीण सिंह ने कहा कि इससे साफ होता है कि JSCA की वर्तमान समिति की प्राथमिकता खेल नहीं है।
क्रिकेट के बहाने संसाधनों पर कब्ज़े की लड़ाई : सुबोधकांत
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने परिचर्चा में भाग लेते हुए कहा कि पूरी लड़ाई क्रिकेट के बहाने क्रिकेट के संसाधनों पर कब्जा ज़माने की है। JSCA में क्रिकेट बाहर हो गया और ईंट-बालू के सप्लॉयर अंदर हो गए हैं। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की तारीफ़ करते हुए कहा कि क्रिकेट प्रशासन के लिए स्वयंभू अमृत पीकर आने वालों के ज़हर से क्रिकेट को बचा लिया है।
पर्दे के पीछे से JSCA चला रहे अमिताभ : सुनील सिंह
सेव स्पोर्ट्स झारखण्ड के सुनील सिंह ने परिचर्चा में विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि अमिताभ चौधरी परदे के पीछे से JSCA को चलाना चाहते हैं। क्रिकेट प्रेमी इसका विरोध करेंगे लोकतान्त्रिक तरीके से। JSCA में पूर्ण पारदर्शिता तक हमारा संघर्ष ज़ारी रहेगा।
एक सख्श की ज़िद के कारण हो रही दुर्गति : अरविन्द सिंह
सरायकेला-खरसावां ज़िला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अरविन्द सिंह ने कहा कि एक व्यक्ति के ज़िद से JSCA की दुर्गति हो रही है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में परिवर्तन समय की मांग है।
पाप का घड़ा टूटने तक पत्थर मारते रहना होगा : दीपक प्रकाश
आजीवन सदस्य दीपक प्रकाश ने JSCA में व्याप्त पाप का घड़ा फूटने तक क्रिकेट प्रेमियों से लोकतान्त्रिक ढंग से पत्थर मारते रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि JSCA के पूर्व अध्यक्ष ने HEC के विस्थापितों के साथ धोखा किया है, इसका जवाब देना होगा।
JSCA को बचाने के लिए धौनी को आगे आना चाहिए : आदित्य वर्मा
परिचर्चा में मोबाइल के ज़रिये क्रिकेट में पारदर्शिता की लड़ाई के अगुआ आदित्य वर्मा ने कहा कि अब समय आ गया है कि रांची के राजकुमार महेंद्र सिंह धौनी झारखण्ड के क्रिकेट को बचाने के लिए आगे आएं।
अमिताभ ने रांची को दिया नहीं, रांची से लिया : बी बी गुप्ता
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राज्य स्तरीय अंपायर बीबी गुप्ता ने कहा कि अमिताभ चौधरी के अंध भक्त कहते हैं कि अमिताभ ने रांची को स्टेडियम दिया। स्टेडियम तो BCCI ने दिया लेकिन अमिताभ को JSCA अध्यक्ष, टीम इंडिया का मैनेजर और संयुक्त सचिव बनाने में रांची का योगदान रहा। ऐसे में अमिताभ ने दिया नहीं रांची से लिया है।
पूर्व खिलाड़ियों के खेल प्रशासन में आने से ही क्रिकेट का विकास होगा
शिवव्रत बनर्जी
झारखण्ड में क्रिकेट का बलात्कार कर रहे हैं अमिताभ। लड़ाई जारी रहेगी।
किशन अग्रवाल
2014 के बाद से अमिताभ चौधरी को हमने जमशेदपुर में कोई मीटिंग नहीं करने दी, अब रांची में भी यही दोहराना होगा।
शेष नाथ पाठक
अमिताभ चौधरी जैसे कमज़ोर लोग पर्दे के पीछे से काम करते/कराते हैं।
दिवाकर