sportsjharkhand.com टीम
रांची
27 मई को हुए झारखंड ओलंपिक संघ (JOA) चुनाव को लेकर मामला अदालत में पहुंच गया है। चुनाव की घोषणा करनेवाले एसएम हाशमी ने ही ने चुनाव की वैधता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। अदालत में आवेदन के साथ कई सनसनीखेज दस्तावेज भी जमा कराए गए हैं जिनसे यह प्रमाणित होता है कि JOA चुनाव में बरती जा रही अनियमितता को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के अध्यक्ष एन रामाचंद्रन और महासचिव राजीव मेहता के बीच अलग-अलग राय थी (देखें तस्वीर)। 27 मई के चुनाव के बाद 8 जुन को अध्यक्ष ने महासचिव को पत्र लिखा और कहा कि JOA चुनाव को लेकर मुझे सांसद प्रदीप बलमुचू जी समेत कई शिकायतें मिली हैं और मुझे लगता है कि JOA चुनाव को मन्यता नहीं दी जानी चाहिए। इस विषय पर मैं (एन रामाचंद्रन), आप (राजीव मेहता), वरीय उपाध्यक्ष विरेन्द्र नानावटी और कोषाध्यक्ष अनिल खन्ना साथ बैठ जाएं और इस चुनाव के भविष्य पर विचार करें। लेकिन इस पत्र के बावजूद sportsjharkhand.com को मिली जानकारी के अनुसार ऐसी कोई बैठक नहीं हुई और पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के आधार पर बधाई संदेशों के बहाने मान्यता का एक पत्र महासचिव की ओर से जेओए को मेल कर दिया गया।
12 जुलाई को पर्यवेक्षक ने सौंपी रिपोर्ट, 21 जुलाई को मान्यता
21 जुलाई को IOA महासचिव ने आरके आनंद को मेल भेज कर बताया कि 12 जुलाई को IOA द्वारा नियुक्त JOA चुनाव के पर्यवेक्षक ने अपनी रिपोर्ट जमा करा दी है। रिपोर्ट के अनुसार चुनाव सही तरीके से हुए हैं इसलिए चुने गए सभी सदस्यों को बधाई। पत्र में बहुत कुछ नहीं लिखते हुए भी राजीव मेहता ने काफी कुछ लिख डाला।
मुझे sportsjharkhand.com से ही पता चला कि मामला अदालत में चला गया है इसलिए इस विषय पर किसी भी तरह की टिप्पणी न्यायोचित नहीं होगी।
राजीव मेहता, महासचिव IOA