SAJHA के कर्णधारों ने 7 वर्षीय IAS “पैरवीपुत्र” के लिए तोड़ डाले सारे कायदे कानून

SAJHA के कर्णधारों ने 7 वर्षीय IAS "पैरवीपुत्र" के लिए तोड़ डाले सारे कायदे कानून
रांची
टीम sportsjharkhand.com 

मोरहाबादी स्थित फुटबॉल स्टेडियम के स्विमिंग पूल में जो बच्चा तैरता हुआ दिख रहा है उसकी उम्र मात्र 7 वर्ष है। पूल का संचालन कर रहे झारखंड खेल प्राधिकरण (SAJHA) के तय नियमों के अनुसार सुरक्षा कारणों से 12 साल से कम उम्र के बच्चों को इस स्विमिंग पूल में जाने की इजाजत नहीं है। लेकिन ये बच्चा आम बच्चा नहीं बल्कि ख़ास बच्चा है, क्योंकि वो एक IAS का क्लोज रिलेटिव है। नाकाबिल हुक्मरानों के कारण राज्य के भाग्यविधाता बने IAS अफसरों की बात ही निराली है। मैडम ने फोन घुमाया और “स्पेशल परमिशन” ग्रांट हो गई, वो भी नि:शुल्क ! मैडम के पास पैसों की कमी हो गई हो शायद ?

सुरक्षा कारणों से जब 12 साल से कम उम्र के बच्चों को एंट्री नहीं दी जाती है तब 7 वर्षीय IAS “पैरवीपुत्र” के लिए सुरक्षा मापदंडों से खिलवाड़ क्यों ?

जबकि पाठकों को पता हो कि पूर्व निदेशक महोदय कोविड काल के दौरान (जब राज्य भर के स्विमिंग पूल बंद थे) बेगम और बच्चों के साथ कई माह तक इसी स्विमिंग का लुत्फ निजी संपत्ति की तरह उठाते रहे। लाइफ गार्ड व सुरक्षा प्रहरियों तक को स्विमिंग पूल में आने की इजाजत नहीं थी। एक दिन निदेशक महोदय की नजरों के सामने ही उनका लाडला डूबते डूबते बचा था। हल्ला मचाने के बाद लाइफ गार्ड भागे भागे आए और बच्चे को किसी तरह बचाया गया।

SAJHA के पदाधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन कार्यकारी निदेशक का तबादला होने के बाद स्वयंभू कर्णधार देवेंद्र सिंह ने फोन नहीं उठाया।