sportsjharkhand.com टीम
रांची
मंगलवार को टीम इंडिया के कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच लगभग एक माह से चले आ रहे विवाद का पटाक्षेप कुंबले के इस्तीफे से हो गया। 12 साल पहले 2005 में ज़िम्बाब्वे दौरे के दौरान कोच ग्रेग चैपल और कप्तान सौरभ गांगुली का विवाद भी आपको याद ही होगा जिसमे सौरभ गांगुली को कप्तानी से हटाया गया था। घटना की पुनरावृत्ति में भले ही 12 साल का कालखंड गुजर गया हो लेकिन दोनों विवाद में एक बात कॉमन है और वो कॉमन फैक्टर है अमिताभ चौधरी ! जी हां 2005 के ज़िम्बाब्वे दौरे पर टीम मैनेजर की हैसियत से और 2017 में BCCI के कार्यकारी सचिव की हैसियत से। ये महज एक संयोग है या कुछ और ? ऐसा क्यों होता है कि जब-जब टीम इंडिया के कोच और कप्तान के बीच अविश्वास की आग भड़कती है तो अमिताभ चौधरी (घी) वहां मौजूद रहता है ? अमिताभ चौधरी को जाननेवाले बताते हैं कि उनकी (अमिताभ की) पर्सनालिटी इतनी ज्वलनशील रही है कि अपनों के साथ-साथ पराये भी इसमें जलते रहे हैं।
अनिल कुंबले और विराट कोहली विवाद के पीछे अमिताभ चौधरी का ही हाथ हैं, देर-सवेर ये सच्चाई भी सामने आ ही जाएगी।
आदित्य वर्मा, CAB महासचिव व याचिकाकर्ता
अमिताभ, खेल और विवाद एक-दूसरे के पूरक
अमिताभ चौधरी जब से खेल की राजनीति में आए हैं विवादों से उनका चोली-दामन का साथ रहा है। कभी विवाद में खुद झुलसते हैं कभी दूसरे को झुलसाते हैं। BCA/JSCA और JOA इसके बेहतर उदाहरण हैं। JSCA से करीब 500 सदस्य अमिताभ घी में झुलसकर बाहर हो चुके हैं जबकि JOA, तैराकी और टेनिस संघ में खुद झुलस चुके हैं। झुलसने और झुलसाने का सिलसिला अब भी जारी है।