sportsjharkhand.com टीम
रांची
ताइक्वांडो में महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद झारखण्ड के खेल मंत्री अमर कुमार बाउरी ने खिलाड़ियों के यौन शोषण से जुड़े समस्त मामलों की जाँच के लिए एक वरीष्ठ महिला IPS अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जाँच टीम बनाने की घोषणा की है। पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान गाहे-बिगाहे इस तरह के मामले लगातार सामने आने पर खेल मंत्री ने चिंता जताई। इसी दौरान खेल मंत्री ने गृह सचिव एसकेपी रहाटे से दूरभाष पर बात की और एक वरीष्ठ महिला आईपीएस अधिकारी इस कार्य के लिए देने का आग्रह किया। गृह सचिव की सहमति मिलने के बाद खेल मंत्री ने खेल विभाग के सचिव राहुल शर्मा को इसके लिए ज़रूरी प्रस्ताव तुरंत बनाकर गृह विभाग भेजने का निर्देश दिया।
खेल मंत्री अमर कुमार बाउरी ने sportsjharkhand.com को बताया कि खिलाड़ियों के यौन शोषण का मामला काफी संगीन है, और खेल विभाग मूक दर्शक बन कर नहीं रह सकता। इसलिए हमलोगों ने गृह विभाग से इस तरह के समस्त मामलों की विस्तृत जाँच कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि खेल विभाग खिलाडियों के अभिभावक होने की ज़िम्मेवारियों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करेगा और ये जाँच टीम उस दिशा में एक कड़ी है।
मेरे समक्ष भी इस तरह के कई मामले आये, ताज़ा मामला सामने आने के बाद अब पानी सर से ऊपर चला गया है। इस तरह के समस्त मामलों की जाँच होगी, और सच्चाई सबके सामने आएगी।
अमर कुमार बाउरी, खेल मंत्री
खेल मंत्री अमर बाउरी के इस ऐतिहासिक पहल का स्वागत है। इसके परिणाम दूरगामी होंगे और अभिभावकों और खिलाड़ियों का विश्वास वापस लौटेगा।
जगदीश सिंह जग्गू, खेल प्रशासक
JOA और TFI ने संजय शर्मा को निकाला, बैठाई जाँच कमिटी
झारखण्ड ओलिम्पिक संघ और ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया ने संजय शर्मा से किनारा कर लिया है। JOA ने आज शेखर बोस, अनिल कुमार जायसवाल और शिवेंद्र दुबे के नेतृत्व में एक जाँच दल गठित किया है। वहीँ खबर मिल रही है कि TFI ने भी एक कमिटी गठित की है, जो संजय शर्मा से जुड़े मामले की जाँच करेगी।
2006-7 में संजय शर्मा को क्लीन चिट दे चुके हैं अनिल जायसवाल
झारखण्ड ओलिम्पिक संघ ने संजय शर्मा को निलंबित करते हुए जो जाँच दल गठित किया है, उसके एक सदस्य अनिल कुमार जायसवाल 2006-7 में संजय शर्मा को यौन शोषण के आरोपों में क्लीन चिट देने वाली पांच सादस्यीय दल के सदस्य थे। जाँच कमिटी में उनकी मौजूदगी कई सवाल खड़े कर रही है। अब देखना रोचक होगा कि इस बार ये तीन सदस्यीय कमिटी क्या जाँच करती है और JOA को क्या निर्देश देती है।