sportsjharkhand.com टीम
रांची
झारखंड में खेल एक व्यापार है, व्यवसाय है, उद्योग है, दलाली है, कमीशनखोरी है और उसके बाद सीनाजोरी है। अगर नहीं है तो खेल और खेल की भावना ! खेल का व्यवसाय, उद्योग, दलाली, कमीशनखोरी और सीनाजोरी करनेवालों ने बदलते समय के साथ राजनेताओं-आलाधिकारियों के साथ मिलकर ऐसा काॅकस तैयार किया है कि खिलाड़ी चाकर और भोग की वस्तु बनकर अपनी जान गंवाने को मजबूर है। झारखंड बनने के बाद इस काॅकस की बदौलत खेल से जुड़े दलाल तो हवाओं से बातें करने लगे लेकिन खिलाड़ी हड़ियां-चाउमिन-भूजा बेचने को मजबूर। ना तो राजनेताओं को इसकी फिक्र है ना ही आलाधिकारियों को।
क्यों बनता है काॅकस ?
खेल का आयोजन एक ऐसा सब्जबाग है जिसमें खिलाड़ियों को प्रतीभा दिखाने का अवसर बता खेल प्रशासक राजनेताओं व अधिकारियों को गुमराह करते हुए आर्थिक तौर पर स्वयं को मजबूत करते रहे। कुछ राजनेताओं और अधिकारियों (सभी नहीं) को भी रेवड़ियां नज़र आने लगी और माटा (लाल चींटों का झूंड जो काटता है) की तरह यह काॅकस फैलता गया।
बलि का बकरा बनते आए हैं नेता-अधिकारी
समय-समय पर राजनेता और कई अधिकारियों को खेल संघ बलि का बकरा भी बनाता रहा है लेकिन आज तक ये बात देश-राज्य चलाने वाले नेता-अधिकारी नहीं समझा पाए हैं। रामेश्वर उरांव, टीपी सिन्हा, सुदेश महतो, सुबोधकांत सहाय, सीपी सिंह जैसे दर्जनों उदाहरण मिल जाएंगे जिन्हें खेल संघों ने जाति, क्षेत्र की मृगमरिचिका दिखाकर अपने स्वार्थ के लिए उपयोग किया और समय आते ही दूध में मक्खी की तरह निकाल फेंका।
झारखंड बनने के बाद खेल प्रशासक बने राजनेताओं-अधिकारियों की सूचि
बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन, मधु कोड़ा, सुबोधकांत सहाय, स्व. मृगेन्द्र प्रताप सिंह, स्वद्ध दुर्गा सोरेन, प्रदीप कुमार बलमुचू, बागुन सुंब्रई, आलमगीर आलम, सरयू राय, सीपी सिंह, नियल तिर्की, धीरज प्रसाद साहू, घुरन राम, सुदेश महतो, राज पालिवार, केएन त्रिपाठी, एनोस एक्का, बंधु तिर्की, नजम अंसारी, आरके आनंद, बैद्यनाथ राम, अन्नपूर्णा देवी, संजीव सिंह, मनीष जायसवाल, विरंची नारायण, कुणाल षाडंगी, नवीन जायसवाल, डाॅ प्रदीप कुमार, केके सोन, यूपी सिंह, के रविकुमार, श्रीनिवासन, अरूण कुमार सिंह, टीपी सिन्हा, रामेश्वर उरांव, राजीव कुमार, वीएन मिश्रा, आरके मल्लिक, दीपक वर्मा, अमिताभ चैधरी।
नोट: कुछ महानुभावों का नाम समयाभाव के कारण इस सूचि में छूट गया है कृप्या अन्यथा ना लें !
तस्वीर सांकेतिक है