sportsjharkhand.com टीम
रांची
तारीख : 12 दिसंबर 2013
समय : शाम के 6 बजकर 55 मिनट और 25 सेकेण्ड
बातचीत का विषय : राष्ट्रीय खेल घोटाला
फोनकर्ता : प्रभात कुमार शर्मा
दूसरी ओर : राष्ट्रीय खेल घोटाले के आरोपी आर के आनंद
बातचीत की अवधि : 4 मिनट 46
बातचीत का संबंध 8 साल से ज्यादा वक्त से चल रही राष्ट्रीय खेल घोटाले से जुड़ा है और देर के पीछे की हकीकत को बयां कर रहा है। 34वें राष्ट्रीय खेल घोटालों की 8 साल से चल रही जांच की स्याह हकीकत से जुड़ी एक ऑडियो sportsjharkhand.com के हाथ भी लगी है। ये ऑडियो टेप उस पत्र और सीडी का हिस्सा है जो ताईक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया (TFI) के पूर्व अध्यक्ष/चेयरमैन और IOA के एसोसिएटेड वाईस प्रेसिडेंट हरीश कुमार ने IOA अध्यक्ष एन रामचंद्रन, महासचिव राजीव मेहता, वरीय उपाध्यक्ष नानावटी, कोषाध्यक्ष अनिल खन्ना और आर के आनंद को भेजा है। पत्र में आरके आनंद से इस्तीफे की मांग की गई है। ये मेल/पत्र 20 मई को भेजा गया है।
राष्ट्रीय खेल घोटाले से जुड़ी बातचीत मात्र 53 सेकेंड की हैं लेकिन ये बताने को काफी है कि ACB (उस वक्त निगरानी ब्यूरो) के जांच अधिकारियों और कर्मचारियों तक आरोपियों की पहुंच थी और साहेब को बचाने के लिए शर्मा बंधु लगे हुए थे।
क्या है ऑडियो टेप में ?
आरके आनंद और प्रभात शर्मा के बीच 4 मिनट 56 सेकेंड के इस ऑडियो टेप में शुरुआत के 3 मिनट 53 सेकेंड TFI चुनाव को लेकर बातचीत है। आखिर के 53 मिनट में राष्ट्रीय खेल घोटाले में तैयार हो रहे दस्तावेज़ में साहेब का नाम नही होने कि जानकारी प्रभात शर्मा दे रहा है। साथ में ये भी बता रहा है कि ACB में कार्यरत कर्मचारी मनोज जो कि दस्तावेज़ टाइप कर रहा है, वो हम लोगों के संपर्क में है। सिन्हा जी अभी लौटे नही हैं, लौटेंगे तो साईन करेंगे। प्रभात ये भी बताता है कि ये बात संजय (प्रभात का छोटा भाई जो महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण के मामले में जेल में है) ने आपको कल ही बता दी होगी।
कौन हैं सिन्हा जी ?
sportsjharkhand.com ने जब इस ऑडियो में दर्ज जानकारी के आधार पर सिन्हा जी का पता लगाया तो उस वक़्त ACB में उच्चपदस्थ दो-दो सिन्हा जी का पता चला। एक सिन्हा जी खेल घोटाले के IO भी थे और 22 नवंबर को जमशेदपुर ग्रामीण एस पी के पद पर उन्होंने योगदान दिया था जबकि दूसरे सिन्हा जी विभागीय प्रमुख की भूमिका में थे। मनोज केस के IO के साथ टंकक सहायक के तौर पर उस वक़्त कार्यरत थे। इस टेप में किन सिन्हा जी कि बात दर्ज है ये तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
28 जनवरी 2013 को HC ने निगरानी पर की थी कड़ी टिप्पणी
राज्यसभा चुनाव की जांच में जानबूझकर की गई देरी पर उच्च न्यायालय ने डांट लगाई थी और देरी के लिए दोषी निगरानी के अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। कोर्ट का कड़ा रुख देख ADG नीरज सिन्हा इजलास में ही बेहोश हो गए थे। ये मसला इसलिए जरूरी है कि इस मामले में भी जांच अभी तक चल ही रही है।
नोट : sportsjharkhand.com ऑडियो की प्रामाणिकता साबित नहीं करता। ये काम जांच एजेंसियों का है। ऑडियो सामने आने के बाद पत्रकारिता के उचित मापदंडों के अनुसार जनहित में खबर का प्रकाशन किया गया है।