अथ श्री JHARKHAND STATE SPORTS PROMOTION PERCENTAGE SOCIETY कथा
काण्ड – 2
CCL के साथ हुए MoU व MoA में कैबिनेट के फैसले से परे जाकर संशोधन करने के बाद भी IAS अविनाश कुमार नहीं माने। 8 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन मुख्य सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में JSSPS के गवर्निंग काउंसिल की बैठक तय थी। बैठक में तत्कालीन वित्त सचिव अमित खरे, तत्कालीन शिक्षा सचिव आराधना पटनायक, खेल सचिव की हैसियत से स्वयं अविनाश कुमार CCL के तीन निदेशक समेत CCL के लगभग आधे दर्जन अन्य कनीय अधिकारी भी मौजूद थे। मुख्य सचिव बैठक में पहुंचे उन्होंने बैठक का एजेंडा जानना चाहा। मीटिंग हॉल में सन्नाटा छा गया। मुख्य सचिव ने JSSPS/CCL के इस वर्किंग कल्चर पर काफी तल्ख टिप्पणी की। इसके बाद CCL की ओर से 38.25 करोड़ रुपये की लागत से पहले फेज़ के रिपेयरिंग से जुड़ा एक दस्तावेज मुख्य सचिव की ओर बढ़ाया गया। जिसे मुख्य सचिव ने वित्त सचिव अमित खरे की ओर बढ़ाया। प्रस्ताव में 38.25 करोड़ के रिपेयरिंग के बजट को देखते ही अमित खरे ने सवाल दागा। नया स्टेडियम कितने में बनता है ? कक्ष में फिर से सन्नाटा छा गया। इसके बाद मुख्य सचिव ने पेपर वेट पटका और गुस्से में बैठक छोड़कर चले गए। छाए सन्नाटे के बीच अन्य वरीय अधिकारी भी निकल गए। CCL के अधिकारियों को काटो तो खून नहीं। इसके बावजूद अविनाश कुमार ने उन्हें ढाढस बंधाया, चाय पिलाई और विदा कर दिया।
…और अविनाश कुमार ने 16 अक्टूबर को जारी कर दिया इस बैठक का मिनट्स
8 अक्टूबर 2015 की बैठक का कोई भी एजेंडा नहीं था, बैठक में कोई निर्णय भी नहीं हुआ लेकिन 16 अक्टूबर 2015 को अविनाश कुमार ने बैठक की मिनट्स ज़ारी कर दी। इस मिनट्स के अनुसार बैठक में सरकार के रेजोल्यूशन व MoU के अनुसार CCL द्वारा CSR फण्ड से स्टेडियम की रिपेयरिंग कराने को गवर्निंग काउंसिल द्वारा मंजूरी देने की बात लिखी गई है। ख़ास बात ये है कि इस मिनट्स पर सिर्फ और सिर्फ अविनाश कुमार के ही हस्ताक्षर हैं। बैठक में शामिल गवर्निंग काउंसिल के किसी भी अन्य सदस्य के हस्ताक्षर नहीं हैं। (देखें तस्वीर)
CCL के हाथों खेल रहे थे IAS अविनाश कुमार
जिस मिनट्स पर अविनाश कुमार ने हस्ताक्षर किए दरअसल उसका ड्राफ्ट 14 अक्टूबर की शाम CCL के एक कनीय अधिकारी विक्रांत मल्हान ने शाम में अपने मेल से अविनाश कुमार के निजी मेल व खेल सचिव-पर्यटन सचिव के आधिकारिक मेल पर भेजा था। इस मेल की कॉपी CCL के CMD गोपाल सिंह समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को भी भेजा गई थी। आश्चर्य की बात है कि विक्रांत मल्हान के ड्राफ्ट में एक भी कॉमा, फूल स्टॉप तक न जोड़ा गया न हटाया गया और 16 अक्टूबर को अविनाश कुमार ने इसी ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर कर दिए। इस मेल की कॉपी sportsjharkhand.com के पास मौजूद है।
क्या अविनाश कुमार अधिकृत थे मिनट्स जारी करने के लिए ?
सरकार के रेजोल्यूशन व MoA के प्रावधानों के तहत JSSPS के गवर्निंग काउंसिल के पदेन सचिव CCL के निदेशक कार्मिक होते हैं। और बैठक बुलाना, एजेंडा सर्कुलेट करना व मिनट्स जारी करना CCL के निदेशक कार्मिक का काम था/है। MoA के प्रावधानों के अनुसार खेल सचिव तो गवर्निंग काउंसिल के मात्र सदस्य हैं। फिर सदस्य को मिनट्स जारी करने का अधिकार किसने दिया ? अपने अधिकार से परे जाकर अविनाश कुमार ने मिनट्स क्यों जारी किए ? क्या MoA में इस निमित्त कोई संशोधन हुआ था ? क्या बाद के बैठकों के मिनट्स भी खेल सचिव ने ही ज़ारी किये ? और उन मिनट्स पर क्या मुख्य सचिव व अन्य सचिवों के हस्ताक्षर हैं या नहीं ? अधिकारों से परे जाकर अविनाश कुमार ने मिनट्स क्यों ज़ारी किए ?
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