sportsjharkhand.com टीम
रांची
तारीख : 30 मई 2004
स्थान : देहरादून, उत्तराखंड
माज़रा : उत्तराखंड ओलंपिक संघ (तत्कालीन उत्तरांचल ओलंपिक संघ) के महासचिव गुरुबख्श सिंह कोहली ने अपने अध्यक्ष राजीव मेहता और कोषाध्यक्ष एल पी सुंदियाल पर फ़र्ज़ी दस्तावेजों के आधार पर 11 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाया और इसकी लिखित शिकायत देहरादून के कोतवाली थानाध्यक्ष और SSP से की। गुरुबख्श सिंह कोहली ने पूरे मामले में उन्हें अंधकार में रखने का भी आरोप लगाया था।
क्या था मामला ?
उत्तराखंड ओलंपिक संघ (तत्कालीन उत्तरांचल ओलंपिक संघ) के अध्यक्ष राजीव मेहता ने कोषाध्यक्ष एल पी सुंदियाल के साथ मिलकर खुद अपने नाम 6 लाख रुपये का चेक (संख्या 0952859) और अपनी पत्नी दीपा मेहता के नाम 5 लाख रुपये का चेक (संख्या 0952859) काट डाला। ये चेक उत्तराखंड सरकार द्वारा 12 मार्च को 15 लाख रुपये अनुदान दिए जाने के ठीक अगले दिन 13 मार्च को काटे गए, जो फरवरी 2004 में हुए राज्य खेलों के आयोजन कि एवज में राज्य संघ को मिले थे। 15 मार्च को राजीव मेहता के ICICI बैंक के एकाउंट और 16 मार्च को दीपा मेहता के UTI बैंक के खाते में चेक क्लियर भी हो गए।
राजीव मेहता ने खुद को क्यों काटा चेक ?
नैसर्गिक न्याय का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है No one can be a Judge in his own Case. इस मामले में राजीव मेहता ने खुद को चेक काटकर इस सिद्धांत की धज्जियां उड़ा दी। अगर उन्हें चेक लेना भी था तो सचिव और कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर से जारी चेक लेते। लेकिन उन्होंने खुद को और अपनी पत्नी को चेक काट डाला।
जांच में राजीव मेहता पर असहयोगात्मक रवैया का लगा आरोप
पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड शासन ने देहरादून मंडल के आयुक्त को मामले की जांच का ज़िम्मा दिया। इस जांच में राजीव मेहता और उनके साथियों पर कई तरह की अनियमितताओं के आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए। लेकिन बार-बार समय मांगने के बाद भी राजीव मेहता आयुक्त के समक्ष पेश नही हुए। उन्होंने अपना पक्ष लिखित रूप में आयुक्त के पास ज़रूर भिजवाया।
साज़िश के तहत मुझपर गलत आरोप लगाए गए थे, आप जो मामला बता रहे हैं उसमें माननीय उच्च न्यायालय से मेरे पक्ष में मामला निपटाया जा चुका है।
राजीव मेहता, महासचिव IOA