विभाग के अधिकारियों को मोहरे बना MoU की शर्तों से परे जाकर CCL ने अपनी जिम्मेवारी सरकार के मत्थे मढ़ी – 1
राज्य सरकार व CCL के बीच खेल अकादमी व खेल विवि को लेकर हुए MoU को आज (17 जून 2020) 5 साल पूरे हो गए। गुरुवार से MoU का 6ठा साल प्रारम्भ हो जाएगा। इन 5 वर्षों में MoU की शर्तों से परे जाकर CCL ने मनमर्ज़ी जो-जो चाहा, वही किया और दुर्भाग्य ये की सरकार के ज्यादातर अधिकारी CCL की धुन पर नाचते नज़र आए। स्थिति ये हो गई की सारे अधिकार CCL को मिल गए और आर्थिक जिम्मेवारी सरकार के जिम्मे आ पड़ी।
MoU का क्लाउज़ H(i) के अनुसार
\\\”The CCL shall bear all capital cost for meeting the upgradation, rehabilitation and repair requirements of existing facilities as required including capex involved in establishment of sports academy/school/university, and the O&M cost shall be borne by parties in equal proportion; provided however all the O&M expenditure shall be pre-approved by the Governing body of the society.\\\”
साफ है कि
खेल अकादमी/स्कूल/यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए मौजूद संसाधनों के अप-ग्रेडेशन, रिहैबिलिटेशन और रिपेयर का पूरा खर्च CCL करेगा और ऑपरेशन व मैनेजमेंट का जिम्मा दोनों पार्टी बराबर-बराबर उठाएंगे।
क्या पिछले 5 वर्षों में CCL ने MoU की इस शर्त को पूरा किया ?
और CCL ने इन शर्तों को पूरा नहीं किया तो सरकार के अधिकारियों ने इन शर्तों को पूरा कराने के लिए कितने पत्र लिखे।
जवाब आश्चर्यजनक रूप से शून्य है।
आप स्वयं देख लें
CCL ने एस्ट्रो टर्फ स्टेडियम की रिपेयरिंग कराई
नहीं,
रिपेयरिंग-रंग-रोगन का काम सरकार करा रही है। 5.5 करोड़ की लागत से जो एस्ट्रो टर्फ CCL को लगाना था वो अब सरकार लगाने की तैयारी में है।
CCL ने टेनिस स्टेडियम की रिपेयरिंग कराई
नहीं
CCL ने कबड्डी-खोखो स्टेडियम की रिपेयरिंग कराई
नहीं
CCL ने हिल एंड सैंड का निर्माण कराया
नहीं,
भवन निर्माण विभाग से निर्माण कार्य हुआ।
CCL ने शूटिंग रेंज 2 व 3 CCL ने रिपेयरिंग कराई
नहीं,
साझा व निदेशालय के पैसे से समस्त रिपेयरिंग-रेनोवेशन का काम हुआ।
CCL ने गणपतराय इंडोर स्टेडियम की रिपेयरिंग कराई
नहीं
CCL ने एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग की रिपेयरिंग कराई
नहीं
38.25 करोड़ रुपये से पहले फेज़ के रिपेयरिंग-रेनोवेशन का काम होना था
CCL के बोर्ड मीटिंग के दस्तावेज बताते हैं कि JSSPS के द्वारा मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के पहले फेज़ के तहत 38.25 करोड़ रुपये की लागत से रिपेयरिंग-रेनोवेशन होना था। CCL के डायरेक्टर्स ने इसकी मंजूरी भी दी लेकिन बाद में ये बजट घटकर 24.73 करोड़ रुपये का हो गया। और काम JSSPS की बजाय CCL ने कराया। NBCC ने 38.25 करोड़ के बजट में मुख्य स्टेडियम, टानाभगत इंडोर स्टेडियम व VVIP गेस्ट हाउस के रिपेयरिंग-रेनोवेशन व सभी स्टेडियमों की बाहरी दीवार का रंग-रोगन शामिल था। लेकिन जब 24.73 करोड़ का बजट रिवाइज्ड हुआ तो विश्वनाथ शाहदेव इंडोर स्टेडियम, खो-खो स्टेडियम व आर्चरी स्टेडियम (ऐसा कोई स्टेडियम मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में नहीं है लेकिन यहां भी रिपेयरिंग का एस्टीमेट बना था) की रिपेयरिंग-रेनोवेशन को शामिल कर लिया गया।
दूसरे फेज़ का काम कब हुआ ?
CCL के आंतरिक दस्तावेज़ बताते हैं कि पहले फेज़ में सभी स्टेडियम की रिपेयरिंग/रेनोवेशन का काम नहीं हुआ था। तो दूसरे फेज़ के तहत एस्ट्रो टर्फ, टेनिस स्टेडियम, एक्वेटिक स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम, शूटिंग रेंज, वेलोड्रम, एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग व एथलेटिक्स के प्रैक्टिस ग्राउंड की रिपेयरिंग का काम कब हुआ ? एक-दो स्टेडियम में छिटपुट काम कराए गए अपनी जिम्मेवारी खत्म मान ली। सरकारी महकमा भी सोया रहा।
गवर्निंग काउंसिल ने कहा 5.5 करोड़ की लागत से एस्ट्रो टर्फ लगाओ, CCL ने स्टेडियम ही सरकार को सौंप दिया
मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली JSSPS की गवर्निंग कॉउंसिल ने MoU की शर्तों के अनुसार CCL को 5.5 करोड़ रुपये की लागत से मोरहाबादी स्थित हॉकी स्टेडियम में एस्ट्रो टर्फ बिछाने का फैसला लिया। इसके बाद CCL के अधिकारियों ने सरकारी अधिकारियों को स्टेडियम अपने पोजेशन में लेने के लिए राज़ी किया और MoU की शर्तों के प्रतिकूल जाकर स्टेडियम सरकार को हैंडओवर कर दिया। न रहेगा स्टेडियम न खर्च करने पड़ेंगे 5.5 करोड़ रुपये। अब खेल निदेशालय/साझा ने एस्ट्रो टर्फ स्टेडियम में लाखों की लागत से रंग-रोगन करा दिया है और टेंडर निकालकर एस्ट्रो-टर्फ बिछाने की प्रक्रिया चालू है। जो खर्च CCL को करना था वो सरकार कर रही है।
पता हो कि CCL के साथ सरकार ने MoU इसी मकसद से किया था कि स्टेडियम में होनेवाले खर्च से बच सके लेकिन अब नक्कारे अधिकारियों के अदूरदर्शिता व कमीशनखोरी की आदत ने मामला वहीं ला खड़ा किया है। जहां से 5 साल पहले चले थे।