खेल संघ 2, निवेदन पत्र 2, आरोप 1, मज़मून 1 = JOA (HAM गुट) ही सही, लेकिन हमरो खूंटा उन्हें रही

खेल संघ 2, निवेदन पत्र 2, आरोप 1, मज़मून 1 = JOA (HAM गुट) ही सही, लेकिन हमरो खूंटा उन्हें रही

sportsjharkhand.com टीम

रांची

जब बिल में पानी घुसता है, तभी चूहा बाहर निकलता है कि तर्ज़ पर JOA चुनाव को लेकर अब तक फाइलों में अंडा दे रहे पत्र भी बाहर आने लगे हैं। JOA, हॉकी झारखंड और झारखंड तैराकी संघ ने आज 28 अक्टूबर 2014 से लेकर 25 मई 2017 तक के पत्र सार्वजनिक किए। हॉकी झारखंड और झारखंड तैराकी संघ द्वारा लिखे गए पत्रों का अवलोकन करने से ये बात साफ हो जाती है कि दोनों संघ JOA (HAM गुट) को सही मानते हैं लेकिन क्रियाकलापों को गलत। अगर सही नही मान रहे होते तो JOA की सदस्यता के लिए पत्र नही लिखते ना ही IOA के पास शिकायत करते कि चुनाव गलत तरीके से हो रहा है। दोनों पत्र JOA का वैधिक सम्मान तो पत्रों में दिखाते हैं लेकिन उसी पर कब्ज़ा के लिए वही तौर-तरीकों को अपनाना चाहते हैं, जिसका विरोध वे कर रहे हैं।

इतना विरोधाभाषी विरोध क्यों ? JOA में आखिर है क्या कि पानी पी-पी कर गाली देनेवाले भी इसपर कब्ज़ा करना चाहते है ? JOA की सत्ता रूपी गणिका को प्राप्त करने को व्याकुल खेल प्रशासक मृगमरीचिका का स्वांग रच स्वार्थप्राप्ति के लिए क्या-क्या नही कर रहे।

खेल विभाग की बैठक में हॉकी झारखंड ने झूठ बोला !

मई-जून 2015 को खेल विभाग की पहल पर खेल संघों के विवाद को निपटाने का प्रयास किया गया था। बैठक में खबरनवीस की हैसियत से इस खबर का लेखक और 2-3 पत्रकार मित्र भी मौजूद थे। इस दौरान मान्यता नही मिलने का मामला भी उठा, हॉकी झारखंड, कुश्ती संघ और टेबल टेनिस संघ ने चुनौती के अंदाज़ में JOA से मान्यता लेने की ज़रूरत को नकारा और साफ-साफ कहा था कि उन्हें JOA से मान्यता कि कोई ज़रूरत नही। उसी बैठक में मान्यता देने में अड़चनों की बात का जवाब देते हुए JOA के प्रतिनिधि ने बताया कि मान्यता का आवेदन मिलते ही दो माह के अंदर दस्तावेजों के अध्ययन के बाद सशर्त मान्यता दे दी जाएगी। ऐसे में सवाल लाज़िमी है कि मई-जून में मान्यता को गैर जरूरी बतानेवालों ने 2014 में ही मान्यता का आवेदन दे रखा था ! खेल में खेला जारी था, है और होता रहेगा ! यही सच है, 100 फीसद सच.