sportsjharkhand.com टीम
रांची
खेल गांव में चल रहे रिपेयरिंग/रेनोवेशन को दीमकों की नज़र गयी है। जी हां ये 100 फीसदी सच है और हम बात कर रहे हैं VVIP गेस्ट हाउस के सभा कक्ष में लगे दीमकों की। जो तस्वीर आप देख रहे हैं वो सोमवार की तस्वीर है। महज़ एक साल पहले VVIP गेस्ट हाउस का रेनोवेशन हुआ था। एक साल में ही दीमकों ने लाखों रूपये के टरमाईट प्रूफ वुडेन फ्लोरिंग को चट करना शुरू कर दिया। प्राकृतिक दीमकों ने अपने भूख को मिटाने के क्रम में भ्रष्टाचार के दीमकों की कहानी सार्वजनिक कर दी। पता हो कि CCL के अधिकारियों ने होटवार के स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स की रिपेयरिंग/रेनोवेशन का ज़िम्मा NBCC को दिया, और NBCC ने VVIP गेस्ट हाउस को चमकाने का ज़िम्मा मे. विशाल बिल्डर्स को दे दिया। ग्राउंड फ्लोर पर स्थित बैठक कक्ष में लगायी गयी वुडेन फ्लोरिंग की दर्ज़नों जगहों पर दीमक अधिकारियों-ठेकेदारों के इशारे पर लाखों रूपये के लिए नूरा कुश्ती कर रह रहे हैं। आखिर किसके इशारे पर घटिया सामग्री लगाई गई ? CCL ने कई अधिकारियों को काम की मॉनिटरिंग के लिए लगाया है। अधिकारियों की मौजूदगी के बावजूद घटिया सामग्री का लगना साज़िश की गहरी जड़ों की ओर इशारा कर रहा है।
पुरे स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में रिपेयरिंग का काम चल रहा है और रिपेयरिंग व रेनोवेशन का काम अगर VVIP गेस्ट हाउस के तर्ज़ पर हुआ है तो यह भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। क्योंकि सरकार और CCL के अधिकारी सालों भर रिपेयरिंग के काम ही लगे रहेंगे। राज्य सरकार और CCL के बीच हुए MOU की शर्तों के अनुसार सभी स्टेडियम और अन्य संसाधनों की रिपेयरिंग/रेनोवेशन पर आने वाला समस्त खर्च CCL को वहन करना है। इसी के तहत पिछले अक्टूबर से काम ज़ारी है।
6.73 करोड़ का था बजट
VVIP गेस्ट हाउस, टाना भगत इंडोर स्टेडियम और विश्वनाथ शाहदेव इंडोर स्टेडियम की रिपेयरिंग/रेनोवेशन के लिए 6.73 करोड़ रूपये का डीपीआर बनाया गया था। इनमे से ज़्यादातर पैसे VVIP गेस्ट हाउस के रेनोवेशन पर ही खर्च किये गए। ठेकेदार काम कर निकल गए हैं और NBCC के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। CCL के तकनीकी अधिकारी भी रिपेयरिंग और रेनोवेशन के काम को लेकर कुछ भी बताने से कन्नी काट रहे हैं।
शर्तों के अनुसार NBCC को करानी होगी रिपेयरिंग
sportsjharkhand.com के पास मौजूद दस्तावेज़ ये बताते हैं कि CCL और NBCC के बीच हुए करार के अनुसार काम ख़त्म होने तक मेंटेनेंस का पूरा ज़िम्मा NBCC का होगा। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है और NBCC के अधिकारी भी फ्लोरिंग को बदलवाने के मूड में नहीं दिख रहे और बहाना बनाते रहे।
VVIP गेस्ट हाउस मतलब भ्रष्टाचार
VVIP गेस्ट हाउस और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों का रिश्ता काफी पुराना है। 2010-11 में नॉमिनेशन के आधार पर 34वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पहले VVIP गेस्ट हाउस के आंतरिक साज़-सज़्ज़ा पर करोड़ों रूपये खर्च किये गए थे। अभी इससे जुड़ा मामला निगरानी की अदालत में चल रहा है।
भ्रष्टाचारियों की उर्वर भूमि खेल गांव
खेल गांव का नाम आते ही तरह-तरह के घपले-घोटाले की तस्वीर खुद ब खुद सामने आ जाती है। पता नहीं इस भूमि पर कौन सा वास्तु दोष है कि सरकारी पैसों के घपले-घोटाले का पर्याय बन गया खेल गांव परिसर। 34वे राष्ट्रीय खेलों के काले अध्याय को छोड़ते हुए पहली बार आगे बढ़ने का जो प्रयास होता दिख रहा था वो भी भ्रष्टाचार के दलदल में फंसता हुआ नज़र आ रहा है।