sportsjharkhand.com टीम
रांची
झारखण्ड बनने के बाद खेल संघों से जुड़े कई खेल प्रशासकों ने अविश्वसनीय ढंग से सफलता की नयी उंचाईयों को छुआ। सफलता ऐसी कि किसी को भी जलन हो जाए, लेकिन सफलता के शॉर्ट कट के पीछे की सच्चाई अमावस की रात से भी ज़्यादा काली है। शायद आपको यकीन ना हो लेकिन आज sportsjharkhand.com ऐसी ही एक स्याह हक़ीक़त से आपको रूबरू कराने जा रहा है।
ताइक्वांडो में महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण मामले की रिपोर्टिंग के दौरान मिले एक ऑडियो टेप से खेल संघों के पदाधिकारियों की सफलता का राज बेनकाब हो रहा है। भारतीय ताइक्वांडो फेडरेशन और झारखण्ड ताइक्वांडो फेडरेशन के महासचिव प्रभात शर्मा आंध्रप्रदेश की रहनेवाली महिला खिलाड़ी कामिनेनी श्रीलक्ष्मी से कैश अवार्ड के 50 परसेंट का हिस्सा मांग रहे हैं। इस ऑडियो टेप में महिला खिलाड़ी 15 से 20 परसेंट रकम देने को तैयार दिख रही है लेकिन प्रभात शर्मा 50 परसेंट से कम लेने को तैयार नहीं दिख रहे। लड़की परिवार में किसी की तबीयत खराब होने का वास्ता देती है लेकिन प्रभात शर्मा टस से मस नहीं होता हैं। और अंततः मामला 20%+20% यानी 40 परसेंट पर तय होता है। श्रीलक्ष्मी भविष्य में भी खेल विभाग से मिलनेवाले पैसों में 20 परसेंट रकम जमा कराने का वायदा भी करती है।
कैश अवार्ड में 15 और स्टाइपेंड में 20 परसेंट लगता है : प्रभात शर्मा
राज्य सरकार खेल और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए कैश अवार्ड और स्टाइपेंड के रूप में प्रति वर्ष करोड़ों रूपये खर्च करती है। लेकिन ऑडियो टेप इस बात का खुलासा करता है कि इन पैसों का एक बड़ा हिस्सा खेल संघों के पदाधिकारियों के पास जाता है। ताइक्वांडों में तो यह रेट कैश अवार्ड के मामले में 15% और स्टाइपेंड के मामले में 20 % तय है। ये हम नहीं TFI के महासचिव प्रभात शर्मा अपने श्रीमुख से बता रहे हैं। इसमें प्रभात शर्मा ये भी कह रहे हैं कि विभाग आने-जाने और रकम निकलवाने में भी पैसा खर्च होता है, इसलिए हिस्सा तो देना होगा।
तुमने राष्ट्रीय खेल में कम पैसे दिए थे, मेन्टेन तो करना पड़ेगा ना
ऑडियो टेप में प्रभात शर्मा महिला खिलाड़ी कामिनेनी श्रीलक्ष्मी को शिकायत के अंदाज़ में कहता है कि 34वें राष्ट्रीय खेलों के बाद भी तुमने परेशानी बता सिर्फ 50 हज़ार रुपये ही दिए थे। जो तय भाव से काफी कम था, भविष्य में मिलनेवालों पैसे में उसे मेन्टेन करना ही पड़ेगा। इसलिए इस बार 50 परसेंट रकम देना पड़ेगा। ये ऑडियो जुलाई-अगस्त 2014 के आस पास का है।
कौन है कामिनेनी श्रीलक्ष्मी ?
आंध्रप्रदेश की रहनेवाली लक्ष्मी ताइक्वांडों की खिलाड़ी है, जिसने 34वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान झारखण्ड का प्रतिनिधित्व किया और 73+किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। जिसके लिए झारखण्ड ताइक्वांडों संघ के अनुमोदन के बाद उसे 7 लाख रूपये नकद पुरष्कार के रूप में भी मिले थे। इसके बाद भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीत के एवज में झारखण्ड सरकार ने लाखों रुपये पुरस्कार और छात्रवृति के रूप में भी दिये।
ऐसे लुटेरों के हाथ में TFI की कमान
प्रभात शर्मा भारतीय ताइक्वांडो संघ के महासचिव हैं और उनका यह कृत्य उन्हें खेल से बाहर का रास्ता दिखाने को काफी है। उनके अनुज संजय शर्मा महिला खिलाड़ी के यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद हैं। दुर्भाग्य है कि ऐसे भ्रष्ट खेल प्रशासकों के हाथ में खेल का भविष्य है। sportsjharkhand.com सरकार और खेल प्रशासकों से आग्रह करता है कि ऐसे कुकर्मी लोगों को खेल संघ से तुरंत बाहर करें। इन कुकर्मियों के बाहर होने तक हमारा अभियान ज़ारी रहेगा।