sportsjharkhand.com टीम
रांची
शीर्षक किसी हॉर्स ट्रेडिंग मार्केट (घोड़े बाज़ार) का नही बल्कि खेल की सत्ताप्राप्ति के लिए किए जा रहे कुकर्मों की एक कड़ी मात्र हैं। sportsjharkhand.com को एक ऑडियो टेप मिला है। इस टेप से राष्ट्रीय खेल संघों के नूरा चुनावों की स्याह तस्वीर दुनिया के सामने आ गयी है। इस टेप में दर्ज बातें ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया (TFI) के चुनाव से पहले की हैं, जिसमें एक संभावित प्रत्याशी प्रभात शर्मा (जो बाद में महासचिव निर्वाचित हुए) और चुनाव के लिए IOA के पर्यवेक्षक कुलदीप वत्स की बातचीत दर्ज है। बातचीत से साफ है कि चुनाव पूर्व ही अपनी पसंद का रिटर्निंग ऑफिसर पैसे के दम पर चुना जाता है। सरकार के लाख प्रयास के बावजूद खेल संघों का कुकर्म पैसों के बल पर जारी है।
क्या है ऑडियो टेप में ?
एक संभावित प्रत्याशी प्रभात शर्मा चुनाव के पर्यवेक्षक को बताता है कि रिटर्निंग ऑफिसर मल्होत्रा साहेब ने चुनाव कराने से इनकार कर दिया है। पर्यवेक्षक दूसरे गुट से पैसे लेने का आरोप लगाते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग करता है। फिर पैसे पर चर्चा होती है और लेन-देन के तौर-तरीकों का भी खुलासा होता है। फिर दोनों के बीच कुछ अच्छे रिटर्निंग ऑफिसर की चर्चा होती है और प्रभात शर्मा ये जानने को उत्सुक है कि इनका रेट क्या है। पैसे के अलावा आने-जाने का टिकट और ठहरने के खर्च की व्यवस्था भी अलग से करने की बात होती है। 4 मिनट 43 सेकेंड के ऑडियो ने रिटर्निंग ऑफिसर बनाये जाने के खेल को सामने ला दिया है।
क्यों ना खेल संघों के लिए भी हो एक चुनाव आयोग
इस टेप से हुए सनसनीखेज खुलासे के बाद sportsjharkhand.com भारतीय चुनाव आयोग की तर्ज़ पर खेल संघों के लिए एक चुनाव आयोग की वकालत करता है। sportsjharkhand.com को जानकारी मिली है कि इस निमित किसी खेल प्रेमी ने अदालत में याचिका भी लगाई है। इस तरह के टेप सामने आने के बाद खेल संघ में पारदर्शिता के लिए स्वतंत्र चुनाव आयोग की ज़रूरत अवश्यम्भावी प्रतीत होने लगी है।
नोट : sportsjharkhand.com ऑडियो की प्रामाणिकता साबित नहीं करता और ऑडियो में दर्ज बातों से हमारी मंशा किसी को बदनाम करने की नही है। ऑडियो सामने आने के बाद पत्रकारिता के उचित मापदंडों के अनुसार जनहित में खबर का प्रकाशन किया गया है।