sportsjharkhand.com टीम
गुमला/रांची
खेल झारखण्ड की संस्कृति का एक अभिन्न अंग है, यह शास्वत सत्य है। खेल जात-धर्म, ऊंच-नीच से परे रहते हुए जीने की कला बताता सिखाता है। और यह खुशी की बात है कि सरकारी अमला अब जाने-अनजाने खेल को समाज में व्याप्त खामियों को दूर करने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी में जुटा है। सिमडेगा समेत कई जिलों में सोशल पुलिसिंग के तहत खेल को बढ़ावा देने का काम रफ़्तार पर है।
इसका एक और उदाहरण शुक्रवार को गुमला जिले के नक्सल प्रभावित कामडारा प्रखंड में देखने को मिला जहाँ प्रतिभा खोज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। कामडारा में इस तरह का आयोजन हाल के वर्षों में शायद पहली बार हुआ। इस दौरान हॉकी, फुटबॉल और एथलेटिक्स स्पर्धाओं के लिए खिलाडियों का ट्रायल लिया गया। प्रतिभा खोज का मुख्य उद्देश्य ग्लोसेफ मेमोरियल हाई स्कूल में हॉकी के डे-बोर्डिंग सेंटर के लिए खिलाड़ियों का चयन करना था। खिलाड़ियों के उत्साह ने टीम को आश्चर्यचकित कर दिया। चयन टीम में स्थानीय निवासी साई के हॉकी कोच जगन टोपनो विशेष तौर पर आमांत्रित थे जबकि हॉकी कोच बीबियानी कोनगाडी, फुटबॉल कोच रिजवान अली व रायमुनि कुमारी के अलावा एथलेटिक कोच संदीप उरांव व प्रभात तिवारी भी मौजूद थे। इससे पहले भी गुमला के सिसई, भरनो, बिशुनपुर व चैनपुर में प्रतिभा खोज प्रतियोगिता का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा चुका है।