sportsjharkhand.com टीम
रांची
शनिवार को प्रो कबड्डी लीग की एक टीम गुजरात फाच्र्यून जायंटस के खिलाड़ी रांची पहुंचे, किसी को पता नहीं ! रविवार की रात रांची को होम ग्राउंड बनानेवाली पटना पाइरेट्स की टीम रांची पहुंची किसी को पता नहीं और तो और इस साल हाॅकी की सेवा के लिए ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित सुमराय टेटे पुरस्कार लेने के बाद सोमवार की सुबह पहली बार रांची पहुंची तो किसी को पता नहीं ? सुमराय के स्वागत के लिए मात्र छह लोग एयरपोर्ट पहुंचे, जिनमें से दो उसके परिजन ही थे। क्या खेल, खिलाड़ियों और उनकी उपलब्धियों को लेकर हमारी संवेदनाएं खत्म हो रही हैं ? हमारी मतलब खिलाड़ी, पूर्व खिलाड़ी, खेल प्रशासक, खेल संघ, सरकार, खेलप्रेमी और हम खेल पत्रकार। अगर नही ंतो इतना सन्नाटा क्यों पसरा है भाई ! मानिये ना मानिये हमारे (उपर परिभाषित) लिए मंथन का वक्त है, थोड़ा सा मंथन खेल और खिलाड़ियों के लिए अमृत ही लेकर आएगा ये भी तय है। लेकिन क्या इसके लिए हम तैयार हैं ?
जग्गू जगाते रहे… हम सोते रहे…
एजी आॅफिस में कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ता और खेल प्रशासक जगदीश सिंह जग्गू अपने आॅफिस के मित्रों आशीष बोस, मनबहल हेरेंज और माइकल लाल के साथ स्टेशन पहुंचे कि सुमराय टेटे जी से मुलाकात हो जाए। स्टेशन पर सन्नाटा पसरा था, ना तो रेलवे के अधिकारी कर्मचारी व खिलाड़ी दिखे ना ही हाॅकी संघ से जुड़े खिलाड़ी व पदाधिकारी और ना ही सरकार का कोई नुमाइंदा। वो भी तब जब जग्गू ने रविवार को ही अपने फेसबुक पेज पर समय और ट्रेन के नाम के साथ मुनादी कर दी थी कि सुमराय टेटे सोमवार की सुबह रांची पहुंच रही हैं। आनेवाले समय में रेलवे भी अपनी उपलब्धियों के पिटारे में सुमराय की उपलब्धियों को गिनाएगा यही हाल खेल संघ और सरकार के नुमाइंदे भी करेंगे लेकिन सच्चाई आपको पता है।