sportsjharkhand.com टीम
रांची
दो माह से ज्यादा समय तक उहापोह की स्थिति के बाद भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने आर के आनंद की अध्यक्षता वाली झारखंड ओलंपिक संघ जेओए (JOA) की मान्यता बरकरार रखने का मन बना लिया है। पिछले एक पखवाड़े के दौरान IOA ने वकीलों के मंतव्य के आधार पर यह फैसला लिया है। IOA के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इसी माह आर के आनंद गुट के चुनाव को वैध ठहराते हुए सत्र 2017-21 के लिए चुनी गयी कमिटी के पक्ष में पत्र जारी कर दिया जाएगा। चुनाव से जुड़ी अनियमितता को न्यायालय में चुनौती नहीं देने और आइओए द्वारा पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने और सौंपे गए रिपोर्ट के आधार पर वकीलों ने आरके आनंद की अध्यक्षता वाली जेओए की मान्यता बरकरार रखने को नीतिसंगत बताते हुए पत्र जारी करने का सुझाव दिया है। जिसे आइओए ने सैद्धांतिक तौर पर मान लिया है। पता हो कि रांची में 27 मई को जेओए के चुनाव में आर के आनंद गुट और शिव सिंह गुट ने अलग-अलग चुनाव कराया था और दोनों गुटों ने मान्यता के लिए आइओए से आग्रह भी किया था।
पर्यवेक्षक की रिपोर्ट बनी आधार
आइओए ने आर के आनंद गुट के चुनाव के लिए भारतीय एथलेटिक संघ के सचिव सी के वाल्सन को पर्यवेक्षक बना कर भेजा था, और उन्हीं के पर्यवेक्षक बनने और सौंपे गए रिपोर्ट के आधार पर मान्यता बरकरार रखने की सहमति बनती हुई दिखाई दे रही है। आइओए के सूत्रों के अनुसार जब पर्यवेक्षक भेज दिया गया तो उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी।
कई प्रश्न रह जाएंगे अनुत्तरित ?
आइओए की सैद्धांतिक सहमति के बाद भी कई प्रश्न अनुत्तरित रह जाएंगे। क्या आइओए के संविधान को धता बताकर कोई भी राज्य संघ चुनाव कराकर मान्यता प्राप्त कर सकता है ? अगर हां तो आइओए को अपनी संप्रभुता को फिर से परिभाषित करने की जरूरत है।
केन्द्र सरकार के खेल विभाग ने आइओए से मांगा है जवाब
खेल उत्थान संघर्ष समिति के नीरज कुमार ने जेओए चुनाव में बरती गयी अनियमितताओं की शिकायत खेल मंत्रालय से की थी, जिसपर खेल मंत्रालय ने 16 जुन को आइओए से जवाब तलब किया है। देखना रोचक होगा कि इस मसले पर आइओए खेल मंत्रालय को क्या जवाब देता है।
अभी जेओए के मुद्दे पर कोई भी आखिरी फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन हमने आइओए पर्यवेक्षक भेजा था और उनकी रिपोर्ट को खारिज नहीं कर सकते।
राजीव मेहता, महासचिव, आइओए